एमपी विस में विपक्ष के हंगामें से प्रश्नोत्तरकाल में खलल

भोपाल, प्रदेश में बिगडती कानून व्यवस्था को लेकर बुधवार को विधानसभा में सत्ता पक्ष एवं विपक्षी सदस्यों में जमकर नोंकझोक हुई। दोनों ही पक्षों के हंगामे के कारण प्रश्नोत्तरकाल की कार्यवाही नहीं हो सकी। इस बीच विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति को विधानसभा की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पडी। दरअसल बुधवार को जैसे ही विधानसभा की कार्यवाही प्रारंभ हुई, प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में लचर कानून व्यवस्था का मुद्दा उठाया। उन्होंने आसंदी की ओर मुखातिब होते हुए कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। मप्र में अपराधी हावी हो गए है। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव, भाजपा विधायक नरोत्तम मिश्रा समेत अन्य सदस्यों ने इसी मामले में दिए गए स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा कराने की मांग की। भार्गव ने कहा कि सरकार की नाक के नीचे बेटियों के साथ बलात्कार और हत्याएं हो रही है। इसीलिए प्रश्नोत्तरकाल रोककर स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा कराया जाना चाहिए। नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि जिस तरह से कानून व्यवस्था चरमराई है ऐसे में क्या सरकार को बने रहने का अधिकार है क्या। लॉ एंड आर्डर की स्थिति नहीं सुधर पा रही है। उन्होंने ने भी प्रश्नोत्तरकाल रोककर स्थगत पर चर्चा कराए जाने की मांग की। सरकार का बचाव करते हुए मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि पिछली सरकार का कार्यकाल याद करिए, प्रदेश अपराधियों का अडडा बन गया था। प्रदेश अपराध के मामले में नंबर वन पर था। मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि आपकी सरकार में किसानों को गोलियों से भून दिया गया तब कानून व्यवस्था कहां गई थी। मासूमों की हत्या पर आंसू बहा रहे हो, श्रेय लेने की कोशिश कर रहे हो।
भारी शोरशराबे के बीच विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने कहा कि प्रश्नोत्तरकाल चलने दे। बजट सत्र में स्थगन प्रस्ताव की कोई परंपरा नहीं है, इसलिए इस मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं कराई जा सकती है। प्रति उत्तर में नरोत्तम मिश्रा ने स्मरण कराया कि 25 बार बजट सत्र के दौरान स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा कराई गई है। जब अध्यक्ष द्वारा विपक्षी सदस्यों की मांग को अनसूना कर दिया तो विपक्षी सदस्य हंगामे के बीच लॉबी में पहुंच गए। इसके बाद पक्ष और विपक्ष के सदस्य एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते रहे। आखिरकार जब हंगामा शांत नहीं हुआ तो स्पीकर एनपी प्रजापति ने सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित कर दी। दोबारा विधानसभा की कार्रवाई शुरू हुई, तो विपक्षी सदस्यों ने प्रश्नकाल के दौरान फिर से हंगामा शुरू कर दिया। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश त्राहि-त्राहि कर रहा है ऐसे में प्रश्नोत्तरकाल के महत्व नहीं रहा जाता। उन्होंने पुन: अध्याक्ष से स्थगत प्रस्ताव पर तत्काल चर्चा कराए जाने का अनुरोध किया। इसी बीच सत्तापक्ष के सदस्य जोर-जोर से बोलते हुए प्रदेश के पूर्व वित्तमंत्री राघव जी एवं उज्जैन के एक वरिष्ठ भाजपा नेता के मामले में जांच कराए जाने की मांग करने लगे। इसके बाद अध्यक्ष श्री प्रजापति द्वारा सदन की कार्यवाही दूसरी बार 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *