गोरखपुर,इस वर्ष गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में जापानीज इंसेफेलाइटिस (जेई) और एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एइएस) के भर्ती हुए कुल 87 मरीज़ों में से 19 मरीजों की मौत हो गई। हालांकि पिछले दो वर्षों की तुलना में इस साल मरीजों की संख्या और मौत का आंकड़ा काफी कम है। बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ गणेश कुमार ने बताया कि 2017 में 2248 से ज्यादा जेई और एइएस के मरीज भर्ती हुए थे, जिनमे 512 मरीजों की मौत हो गई थी। जबकि 2018 में इस बीमारी से ग्रसित मरीजों की संख्या 1047 थी, जिसमें से 166 लोगों की जान चली गई थी। इस साल 2019 में अब तक हमारे यहां 87 मरीज भर्ती हुए, जिनमे 19 की मौत हो गई।
डॉ गणेश कुमार ने बताया कि इस साल मौत के आंकड़े कम करने के लिए हमने पहले से ज्यादा तैयारी की है। हमने बेड की संख्या को बढ़ा दिया है, हमारे पास वेंटीलेटर हैं, पीडियाट्रिक विभाग में मेडिकल स्टोर की व्यवस्था भी कर दी गई है। हमने नियमित लिक्विड ऑक्सीजन सप्लाई की भी व्यवस्था की है। गौरतलब है कि अगस्त 2017 में बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन सप्लाई बाधित होने से 60 से अधिक बच्चों की मौत हो गई थी। इस हादसे के बाद से सरकार का दावा है कि उसने जेई व एइएस की रोकथाम के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं। पूर्वांचल के 11 प्रभावित जिलों में टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। साथ करीब ढाई लाख वालंटियर्स की टीम भी लोगों को जागरूक करने में लगी। इसके अलावा सभी अधिकारियों में अलर्ट मोड पर रहने को कहा गया है।