देश के अगले सेना प्रमुख को लेकर मशक्कत शुरू, मुकुंद नरवाने और रणबीर सिंह के नामों की चर्चा

नई दिल्ली, भारत का अगला सेना प्रमुख कौन होगा इसको लेकर कयासबाजियों का दौर शुरू हो गया है। वर्तमान सेना प्रमुख बिपिन रावत इस साल के अंत मे रिटायर होंगे। इधर, अगले प्रमुख के लिए कैंडिडेट्स के मूल्यांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। सेना के शीर्ष पांच अधिकारियों के नाम पर इस पद के लिए विचार किया जा रहा है। पुरानी परंपरा यही रही है कि वरिष्ठतम अधिकारी को यह पद दिया जाता था। हालांकि हाल के समय में इससे इतर भी चुनाव हुए हैं। टॉप फाइव की लिस्ट में नॉर्दर्न और ईस्टर्न आर्मी कमांडर ऊपर माने जा रहे हैं। इन दोनों के पास सैन्य अभियानों का बड़ा अनुभव है। आतंकवाद विरोधी अभियानों में भी इनका ट्रैक रेकॉर्ड अच्छा है।
लेफ्टिनेंट जनरल मुकुंद नरवाने अभी ईस्टर्न आर्मी कमांडर हैं। जनरल रावत के रिटायर होने पर वह इंडियन आर्मी में सबसे वरिष्ठ अधिकारी होंगे। सिख लाइट इन्फैंट्री के ऑफिसर रहे नरवाने ने कश्मीर में राष्ट्रीय राइफल्स बटालियन की कमान भी संभाली है। उन्होंने असम राइफल्स में सेवा दी थी और म्यामार में डिफेंस अताशे भी रहे हैं। दिसंबर 2017 में उन्हें आर्मी के ट्रेनिंग कमांड का हेड बनाया गया था। इस पर सवाल उठे थे क्योंकि इसे कम अहमियत का पद माना जाता है, जहां किसी अभियान का अनुभव हासिल नहीं होता। हालांकि सितंबर 2018 में आर्मी के टॉप अफसरों के बीच म्यूजिकल चेयर जैसा खेल दिखा और नरवाने को ऑपरेशन के लिहाज से संवेदनशील ईस्टर्न कमांड में भेजा गया। इस कमांड से पहले कई आर्मी चीफ हो चुके हैं। नॉर्दर्न आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह का नाम म्यामार और पाक अधिकृत कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक्स से जुड़ा है। उनका करियर रेकॉर्ड भी शानदार है। सरकार ने 2016 में उन्हें डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस बनाकर लीक तोड़ी थी, जबकि उन्हें कोर लेवल के फॉर्मेशन की कमान संभालने के लिए अप्रूव किया गया था।
डोगरा रेजिमेंट के ऑफिसर सिंह 2015 में सर्जिकल स्ट्राइक की योजना बनाए जाते समय मिलिट्री ऑपरेशंस डिपार्टमेंट में मेजर जनरल थे। इस योजना और बाद में सफल अभियान की जानकारी उन्होंने ही देश की टॉप लीडरशिप को दी थी। वह डोगरा रेजिमेंट में कर्नल कमांडेंट हैं और जून 2018 से नॉर्दर्न आर्मी कमांडर का पद संभाल रहे हैं। इस दौरान आतंकवाद गिरोहों के खिलाफ बड़े अभियान चलाए गए हैं। उन्होंने फरवरी में बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद आर्मी के अभियान पर नजर रखी थी ताकि पाकिस्तान से किसी भी गलत हरकत का जवाब दिया जा सके। सिलेक्शन प्रोसेस में दोनों अफसरों का सर्विस रिकॉर्ड देखा जाएगा, लेकिन यह अटकल भी लगाई जा रही है कि आने वाले महीनों में मिलिट्री के टॉप अधिकारियों में बदलाव किया जा सकता है। सरकार के सामने फाइव स्टार रैंक के ऑफिसर को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बनाने या किसी फोर स्टार ऑफिसर को चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी का स्थायी चेयरमैन बनाने का विकल्प है।

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