भोपाल,राजधानी के रियल एस्टेट कारोबार को प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने राहत प्रदान करने का काम किया है। कैबिनेट ने कलेक्टर गाइडलाइन में 20 प्रतिशत तक जमीन के दाम कम करने का प्रस्ताव पारित कर दिया। भोपाल में बीते 10 साल में 300 से 600 प्रतिशत तक कलेक्टर गाइडलाइन में बढ़ोतरी की गई। लिहाजा, आर्थिक मंदी के चलते डेवलपर्स तैयार प्रोजेक्ट में 30-30 प्रतिशत तक का डिस्काउंट ऑफर देने के लिए मजबूर थे। रियल एस्टेट सेक्टर के संगठन कॉन्फिडेरशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (क्रेडाई) ने भी कलेक्टर गाइडलाइन को लेकर कई आपत्तियां दर्ज कराते हुए दाम वृद्धि का विरोध किया था। क्रेडाई पदाधिकारियों ने बताया कि इससे सबसे ज्यादा फायदा खरीदारों को होगा। आगामी दिनों में संपत्ति के दाम कम होने की भी संभावना जताई है। साथ ही बताया कि इस निर्णय से सरकारी राजस्व को फायदा होगा। आगामी दिनों में शुरू होने वाले नए रियल एस्टेट प्रोजेक्ट में इसका फायदा खरीदारों को मिलेगा। प्लांट, फ्लैट्स, ड्यूप्लेक्स, सिग्लेक्स और फॉर्म हाउस में 15 से 20 प्रतिशत तक दाम में कमी आएगी। अवधपुरी क्षेत्र में 2 बीएचके के लिए 22 लाख, 3 बीएचके लिए 26 लाख और 1100 वर्ग फीट पर बने ड्यूप्लेक्स के लिए 45 लाख रुपए का भार खरीदार पर पड़ता है। उधर, नए प्रोजेक्ट में बुकिंग के दौरान 2 बीएचके में 4 लाख 40 हजार, 3 बीएचके में 5 लाख 20 हजार और ड्यूप्लेक्स में 9 लाख तक का फायदा होगा। इतना ही नहीं इससे किसानों को भी फायदा होगा।
मालूम हो कि तीन माह पहले क्रेडाई पदाधिकारियों ने वाणिज्यक कर मंत्री ब्रजेंद्र सिंह राठौर से मुलाकात कर विरोध दर्ज कराया था। कलेक्टर गाइडलाइन में जमीनों के दाम पर आपत्ति दर्ज कराकर कई सुझाव भी दिए थे। बैठक में वाणिज्यक कर मंत्री को क्रेडाई द्वारा तैयार कराई गई रिपोर्ट में बताया गया है कि सरकार ने पिछले 14 साल में गाइडलाइन की कीमतों में वृद्धि की, लेकिन अनुपातिक आय नहीं बढ़ा सकी। न ही स्टाम्प ड्यूटी बढ़ाकर अपेक्षित आय में इजाफा हुआ। बैठक में विभागीय प्रमुख सचिव मनु श्रीवास्तव एवं कई अधिकारी मौजूद रहे थे। क्रेडाई पदाधिकारियों ने बताया कि कलेक्टर गाइडलाइन एक समान प्रतिशत से मूल्यों की वृद्धि की जा रही थी। लिहाजा, स्पष्ट है कि मूल्य वृद्धि का कोई आधार या सर्वे ही नहीं किया। जबकिवास्तविक मूल्य गाइडलाइन मूल्य से भी कम है। सिर्फ राजस्व बढ़ाने की नियत से मनमानी की जा रही थी। इससे स्टाप ड्यूटी का भार भी कम आता है। पदाधिकारियों ने बताया कि विपरीत दिशा में काम होने के कारण निवेश भी अन्य शहरों में चला जाता है। इस बारे में क्रेडाई के उपाध्यक्ष एवं प्रवक्ता मनोज मीक का कहना है कि यह सरकार का सार्थक कदम है। क्रेडाई ने बीते 10 साल से खरीदारों के हितों में रेट कम करने की लड़ाई लड़ी है। आगामी समय में इसका लाभ मिलेगा। इससे सरकारी राजस्व में भी बढ़ावा होगा। इसी कारण आगे भी रेट कम करने की स्थिति में सरकार आ सकेगी। बीते सालों में कई सौ प्रतिशत तक जमीनों के दाम में बढ़ोतरी की गई है।