कोलकाता, पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में हुगली नदी में जादुई करतब को दिखाते जादूगर चंचल लाहिड़ी का रोमांच अंतत: मातम में तब्दील हो गया। दिन भर चली खोज के बाद आखिरकार जादूगर चंचल लाहिड़ी (41) का शव बरामद हो गया। चंचल रविवार को हुगली में जादू का एक कारनामा करते हुए गायब हो गए थे। चंचल का शव सोमवार को हावड़ा के पास से मिला। चंचल लाहिड़ी को स्टेज पर ‘मैंड्रेक’ नाम से भी जाना जाता था। देर शाम लाहिड़ी के भाई ने उनके शव की पहचान की। शुरुआती पुलिस जांच में पता चला है कि अपने जादूगरी के कारनामे में चंचल लाहिड़ी ने कई गलतियां की थीं, जिनकी कीमत उन्हें अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। खुद को जंजीरों और रस्सियों से बांध कर पानी के भीतर उतरना और सकुशल बाहर आ जाना इस जादुई करतब को लगभग 100 साल पहले अमेरिकी जादूगर हैरी हुडिनी ने मशहूर किया था।
पानी में उतरने के पहले लाहिड़ी के हाथ और पैर बांध दिए गए थे जिस समय लाहिड़ी को पानी में फेंका गया उनके हाथ और पैर बंधे हुए थे, वह इन्हें पानी के भीतर कैसे खोलेंगे- इस सवाल का जवाब लाहिड़ी अपनी टीम को भी नहीं दे पाए थे। इतना ही नहीं, उन्होंने ऐसे कपड़े और दूसरी चीजें पहन रखी थीं जिनकी मौजूदगी में तेज बहाव में तैरना बहुत मुश्किल साबित हुआ होगा।
मशहूर जादूगर पीसी सरकार भी इसी तरह के करतबों में बहुत कुशल हैं। उनका कहना है, ‘शायद लाहिड़ी को और ज्यादा प्रैक्टिस की जरूरत थी।’ लाहिड़ी को पानी में उतारने के 15 मिनट बाद ही उनकी टीम ने संकेत दे दिया था कि उन्हें बचाने की कोशिश शुरू की जाए। डीसी (पोर्ट) सैयद वकार रजा का कहना था, ‘जब वह काफी समय तक पानी के ऊपर नहीं आए तो लोग परेशान हो गए। कुछ चश्मदीदों का कहना है कि उन्हें नदी के बीच में एक शख्स बहता दिखाई दिया था जो मदद के लिए चिल्ला रहा था। पुलिस को सूचना दी गई इसके बाद गोताखोरों और आपदा प्रबंधन की एक टीम बचाव कार्य में शामिल हो गई।’ लाहिड़ी के असिस्टेंट और भतीजे रुद्रप्रसाद लाहिड़ी का कहना है, ‘जादूगर मैंड्रेक अपने बंधन खोलकर ऊपर आ गए थे और उन्होंने हाथ भी हिलाया था। लेकिन अचानक वह गायब हो गए ओर फिर नहीं दिखे। हम परेशान हो गए और फिर पुलिस को बुलाया।’ चंचल लाहिड़ी की मां उमा लाहिड़ी ने अपने बेटे को याद करते हुए कहा, ‘उसे बचपन से ही जादू पसंद था। बहुत कम उम्र में ही वह अपने करतबों के लिए मशहूर हो गया था।’ चंचल का एक बेटा है जो दसवीं में पढ़ता है।