लखनऊ, शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए अधिकारियों को दिशानिर्देश देते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मुख्यालय में बैठने की बजाय अधिकारी खुद क्षेत्र में जाकर औचक निरीक्षण करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि विभाग में 3 दिन से अधिक कोई भी फाइल रोकी गई तो उस अधिकारी पर कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा बच्चों को पाठ्य पुस्तक, बैग और यूनिफॉर्म मुहैया कराने में देरी को लेकर अधिकारियों को सख्त आदेश दिए कि उन्हें तत्काल उक्त सामग्री दी जाए। गौरतलब है कि इस सिलसिलें में सोमवार को आदित्यनाथ ने प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। विद्यालयों में सोलर पैनल लगाने पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कायाकल्प योजना के तहत प्रिंसिपल, जनसेवकों को आगे आने को कहा। साथ ही उन्होंने मध्याह्न भोजन योजना के तहत लखनऊ और मथुरा में अक्षयपात्र को आधार से लिंक कराने के भी निर्देश दिए है। इतना ही नहीं शिक्षा विभाग के हर एक कर्मचारी को महीने के पहले ही सप्ताह में ही सैलरी मिल जाने की हिदायत देते हुए उन्होंने कहा कि कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय का माध्यमिक स्तर तक उच्चीकरण किया जाए।
मुख्यमंत्री ने बरसों से एक स्थान पर जमे बीएसए के बाबुओं के भी ट्रांसफर करने के निर्देश जारी किए है। शिक्षकों की उपलब्धता पर कड़ा रुख अपनाते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानाचार्य के पद का चयन लोक सेवा आयोग के तहत किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा विभाग के अधिकारी फील्ड में जाकर प्रधानाचार्यों, अध्यापकों और कर्मचारियों के साथ संवाद करें। उन्होंने प्रधानाचार्यों को साल में दो बार अभिभावकों के साथ मीटिंग करने के भी आदेश दिए। शेषकर सभी बीएसए को उनके क्षेत्र में रोजाना स्कूलों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए।