नई दिल्ली, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी लोकसभा में कांग्रेस के नेता होंगे। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा यह पद ग्रहण करने से इनकार करने के बाद यह जिम्मेदारी अधीर को सौंपी गई है। मंगलवार सुबह लंबी चर्चा के बाद यह निर्णय लिया गया। इस दौरान राहुल की मां और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी भी उपस्थित थीं। अधीर चौधरी का उल्लेख करते हुए लोकसभा को एक पत्र लिखा गया कि वह सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के नेता होंगे। पत्र में यह भी लिखा गया कि वह सभी महत्वपूर्ण चयन समितियों में पार्टी का प्रतिनिधित्व भी करेंगे।
कांग्रेस पार्टी बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुलाई गई बैठक पर भी फोकस करेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ पर चर्चा के लिए बैठक बुलाई गई है। कांग्रेस ने अलग-अलग तर्क देकर अब तक इसका विरोध ही किया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के चुनाव हारने के बाद लोकसभा में कांग्रेस के नेता का विकल्प देना जरूरी था। कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे पर नरमी बरत रही थी, क्योंकि वह इस पद के लिए राहुल गांधी को चाहती थी। राहुल ने लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश की थी, लेकिन इसे पार्टी ने स्वीकार करने से इनकार कर दिया था। राहुल के इनकार के बाद कुछ हफ्तों से इस पर गतिरोध बना हुआ है। 17वीं लोकसभा का पहला सत्र सोमवार को बुलाए जाने के बाद आज यानी मंगलवार को कांग्रेस पार्टी ने अपने नेता का चुनाव किया। अधीर रंजन चौधरी के साथ-साथ केरल के नेता के सुरेश, पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी और तिरुवनंतपुरम के सांसद शशि थरूर भी इस पद के लिए दौड़ में शामिल थे। अधीर रंजन चौधरी को उनके अनुभव के आधार पर लोकसभा में कांग्रेस का नेता चुना गया।