देहरादून, अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर मंगलवार को गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिर के कपाट खुलने के साथ ही उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित चारधामों की यात्रा की शुरुआत हो गई। केदारनाथ धाम के कपाट जहां नौ मई को खुलेंगे वहीं बद्रीनाथ मंदिर के कपाट 10 मई को खुलेंगे। उत्तरकाशी जिले में स्थित विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री मंदिर के कपाट मंगलवार सुबह श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिए गए जबकि यमुनोत्री धाम के कपाट रोहिणी नक्षत्र में दोपहर में खोले गए। गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल ने बताया कि सोमवार दोपहर 12:35 पर मां गंगा की उत्सव डोली अपने शीतकालीन प्रवास मुखबा गांव से गंगोत्री धाम के लिए रवाना हो गई थी। वहीं यमुनोत्री मंदिर समिति के सचिव कृतेश्वर उनियाल के अनुसार, मां यमुना की डोली मंगलवार सुबह नौ बजे अपने शीतकालीन प्रवास खरसाली गांव से यमुनोत्री धाम के लिए रवाना हुई। इस बीच, मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा, केदारनाथ धाम में लगभग 3000 यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था उपलब्ध है। हर साल स्थानीय जनता को भी अप्रैल-मई में चारधाम यात्रा के शुरू होने का इंतजार रहता है। छह महीने तक चलने वाली इस यात्रा के दौरान देश-विदेश से आने वाले लाखों श्रद्धालु और पर्यटक स्थानीय जनता के रोजगार और आजीविका का साधन हैं। इसीलिए चारधाम यात्रा को गढ़वाल हिमालय की अर्थव्यवस्था की रीढ़ माना जाता है।