रेलवे में ड्राईवरों पर गाज, 100 से अधिक रेल चालकों पर नियम फॉलो नहीं करने पर कार्रवाई

नई दिल्ली, भारतीय रेलवे बोर्ड के ट्रेन चलाने में नए नियम की अनदेखी करने पर 100 से अधिक चालकों-सहायक चालकों पर दंडनात्मक कार्रवाई की गई है। राजधानी-शताब्दी व मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों के उन चालकों को निलंबित, चार्जशीट व इनक्रीमेंट तक रोक दिया गया है। इसके बाद ड्राइवरों में काफी रोष है। जानकारों का कहना है कि रेलवे बोर्ड ने सुरक्षित ट्रेन चलाने के लिए पिछले साल प्वाइंटिंग एंड कॉलिंग सिस्टम लागू किया है। इसमें ट्रेन के चालक व सहायक चालक को सिग्नल की ओर हाथ उठाकर इशारा करने के साथ बोलना है। ग्रीन सिग्नल को एक चालक बोलेगा, दूसरा उस दोहराएगा। इससे यह सुनिश्चित हो सके कि सिग्नल हरा था और सिग्नल देखने में कोई गड़बड़ी नहीं हुई। सूत्रों ने बताया कि प्वाइंटिंग एंड कॉलिंग नियम का सही तरीके से पालन नहीं होने से बड़े पैमाने पर ड्राइवरों पर गाज गिराई जा रही है। कुछ को चार्जशीट दी गई तो कई ड्राइवरों का दो साल तक इनक्रीमेंट रोक दिया गया। कुछ ड्राइवर हैं जिन्हें निलंबित कर दिया गया। रेलवे प्रशासन ड्राइवरों को प्रशिक्षण के लिए भी भेज रहा है।
रेलवे के इस सख्त रवैये से ड्राइवरों में काफी गुस्सा है। उनका तर्क है कि प्रत्येक एक किलोमीटर पर सिग्नल होता है, 130 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार पर दौड़ती ट्रेन में प्रत्येक 30 सेकेंड सिग्नल आता है। उदाहरण के लिए दिल्ली-कानुपर के बीच (500 किलोमीटर) में उस 400 से अधिक बार हाथ उठाकर सिग्नल की ओर इशारा करना पड़ता है। पांच घंटे के सफर में उसकी हालत का अंदाजा लगाया जा सकता है।
विश्व में महज दो देश चीन व जापान हैं जहां ट्रेन चलाने में प्वाइंटिंग एंड कॉलिंग नियम लागू है। इसके बाद भारत में इस नियम को लागू किया गया है। जापान के अनुसार ड्राइवरों के सिग्नल की ओर हाथ उठाकर इशारा करना व बोलने की सह क्रिया-सह प्रतिक्रिया से उनका दिमाग,आंखे,हाथ,मुंह,कान सक्रिय रहते हैं और ध्यान केंद्रित रहता है। इससे 85 फीसदी गलतियां कम होती और 30 फीसदी ट्रेन हादसे कम होते हैं। हालांकि ब्रिटेन में प्वाइंटिंग एंड कॉलिंग नियम लागू नहीं है। भारतीय रेल का परिचालन व ढांचा अंग्रेजों ने ही खड़ा किया है। भाप इंजन के दौर में ट्रेन के ड्राइवर-सहायक ड्राइवर बोलकर सिग्नल के बारे में बताते थे। सूत्रों ने बताया कि भाप इंजन में अधिक शोर होता है इसलिए सिग्नल हरा, पीला अथवा लाल है इस बोलकर एक दूसरे को बताया जाता था। भाप इंजन का जमाना चला गया, डीजल के बाद इलेक्ट्रिक इंजन आ गए, लेकिन सिग्नल आज भी बोलकर बताए जाते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *