भोपाल,प्रदेश में पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के कार्यकाल में हुआ ई-टेंडरिंग घोटाला देश भर में बहुचर्चित व्यापमं घोटाले से भी बडा घोटाला है। 3000 हजार करोड़ रुपए ई-टेंडरिंग घोटाले के अब 40 हजार रोड़ रुपए तक पहुंचने की आशंका जताई जा रही है। प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने घोटाले पर एक अलग से 61 पेज का आरोप पत्र तैयार किया गया था। इसमें व्यापमं घोटाले से भी बड़ा घोटाला बताया गया था। मालूम हो कि ई-टेंडरिंग घोटाले को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी भोपाल में कहकर गए थे कि नीरव मोदी या विजय माल्या या मेहुल चौकसी की तरह व्यापमं और ई-टेंडरिंग घोटाले के आरोपी भाग नहीं पाएंगे। यह बात राहुल गांधी ने विधानसभा चुनाव के पहले भोपाल में भेल दशहरा मैदान पर हुए कार्यकर्ता संवाद में कही थी।
कांग्रेस ने ई-टेंडरिंग मामले को शुरू से ही पूरे दमखम के साथ उठाया था। विधानसभा चुनाव के दौरान शिवराज सरकार के खिलाफ बनाए गए आरोप पत्र में इसे शामिल किया गया था। ई-टेंडरिंग घोटाले पर तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दो बार पत्र लिखकर जांच कराने की मांग की थी। उन्होंने पत्र में दावा करते हुए एक मोबाइल नंबर देकर उसकी जांच कराने और उसके माध्यम से घोटाले से जुड़े सभी आरोपियों तक पहुंचने की बात कही थी। प्रधानमंत्री से उन्होंने निष्पक्षता से जांच कराए जाने की मांग उठाई थी। इतना ही नहीं, शिवराज सरकार के खिलाफ विधानसभा में कांग्रेस ने अविश्वास प्रस्ताव लाने का प्रयास किया था, लेकिन इसे जब स्वीकार नहीं किया गया तो कांग्रेस ने तीन दिन तक सदन के बाहर समानांतर कार्यवाही कर नाटकीय तरीके से अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की गई। इस ई-टेंडरिंग घोटाले पर सरकार की निंदा की गई।