नई दिल्ली, कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शनिवार को मोदी सरकार पर हमला करते हुए संस्थाओं को खत्म करने का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी सत्ता में आती है तो संविधान की मूल भावना को बहाल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस समय देशभक्ति की नई परिभाषा सिखाई जा रही है और विचारधारा के आधार पर अपने ही नागरिकों से भेदभाव हो रहा है। कांग्रेस के ‘जन सरोकार 2019’ कार्यक्रम में सोनिया गांधी ने कहा, ‘कुछ साल पहले हम यह सोच भी नहीं सकते थे कि हमें इसतरह के हालात में यहां इकट्ठा होना पड़ेगा। पिछले कुछ समय से हमारे देश की मूल आत्मा को एक सोची समझी साजिश करके जिस तरह कुचला जा रहा है वह हम सभी के लिए बेहद चिंता की बात है। जिन संस्थाओं ने हमें बुलंदियों तक पहुंचाया उन सभी को करीब-करीब खत्म कर दिया गया है। 65 साल में बड़ी मेहनत से तैयार जन कल्याण के बुनियादी ढांचे और समावेशी ताने-बाने को खत्म करने में इस सरकार ने कोई कसर बाकी नहीं रखी है।’
उन्होंने कहा, आज हमें देशभक्ति की नई परिभाषा सिखाई जा रही है, विविधता को अस्वीकार करने वालों को देशभक्त बताया जा रहा है, जबकि धर्म और विचारधारा के आधार पर अपने ही नागरिकों से भेदभाव को उचित ठहराया जा रहा है। हमसे उम्मीद की जा रही है कि खान-पान, पहनावे, भाषा और अभिव्यक्ति की आजादी के मामले में कुछ लोगों की मनमानी हम बर्दाश्त करें। वर्तमान सरकार असहमति का सम्मान करने को राजी नहीं है। कानून का राज लागू करने का अपना बुनियादी फर्ज पूरा करने को सरकार तैयार नहीं है। सोनिया ने कहा, मौजूदा सरकार करोड़ों देशवासियों से उनकी जिंदगी बेहतर बनाने की संभावनाएं छीन रही है,ऐसी नीतियां बना रही है जिससे उनके पंसदीदा उद्योगपति और बड़े कारोबारी फलते-फूलते हैं। हमें पूरी हिम्मत के साथ इसका विरोध करना होगा।
उन्होंने आगे कहा,भारत को एक ऐसी सरकार की जरूरत है, जो देश के सभी नागरिकों के प्रति उत्तरदायी हो, जो अपने संकल्पों के प्रति गंभीर और कामकाज में निष्पक्ष हो। हमें अपने संविधान की समावेशी, सेक्युलर और उदार भावना को फिर से बहाल करना है। संविधान में जिस बुनियादी स्वतंत्रता की गारंटी है उस फिर से स्थापित करना होगा। इस मौके पर सोनिया गांधी ने कांग्रेस पार्टी के सत्ता में लौटने पर चुनावी वादों को पूरा करने की बात कही।