मिशन शक्ति के लिए यूपीए ने नहीं दी मंजूरी, आज पीठ थपथपा रही’ – जेटली

नई दिल्ली,भारत ने अंतरिक्ष में अपनी ताकत का प्रदर्शन करते हुए मिशन शक्ति के द्वारा एक लाइव सैटलाइट को मार गिराया। इसके बाद बुधवार को वित्तमंत्री अरुण जेटली इस उपलब्धि पर कांग्रेस की तरफ से किए जा रहे तंज पर पलटवार किया है। जेटली ने कहा कि कांग्रेस आज वैज्ञानिकों की इस उपलब्धि के लिए अपनी पीठ थपथपा रही है, लेकिन उन्हें शायद 21 अप्रैल 2012 को एक अखबार में प्रकाशित हेडलाइन याद नहीं है। जेटली ने कहा वैज्ञानिक 1 दशक से इसके लिए तैयार थे, लेकिन तत्कालीन सरकार ने इसकी अनुमति नहीं दी।
दरअसल कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला और कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से इस मिशन की उपलब्धि का श्रेय पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारों को दिया गया। इसके बाद जेटली ने तंज करते हुए कहा,यह बहुत समय पहले से हमारे वैज्ञानिकों की इच्छा रही थी और उनका कहना था कि उनके पास यह क्षमता है,लेकिन भारत सरकार अनुमति नहीं देती। इसलिए हम इस ताकत को बनाने और डिवेलप करने में संभव नहीं है। मेरे कुछ कांग्रेस के मित्र आज अपनी पीठ थपथपा रहे हैं। पूर्ववर्ती मनमोहन सरकार पर निशाना साधते हुए जेटली ने कहा, जब अग्नि 5 लांच हुआ था तो 21 अप्रैल 2012 में आप मनु पब्बी की स्टोरी पढ़ लें। इस स्टोरी में स्पष्ट था कि वैज्ञानिक वीके सारस्वत ने कहा कि हमारे पास ऐसी इच्छा और क्षमता है, लेकिन सरकार अनुमति नहीं दे रही। इसकी पूरी प्रक्रिया 2014 के बाद शुरू हुई जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अनुमति दी।’
जेटली ने कहा कि भारत के लिए यह उपलब्धि बेहद खास है क्योंकि यह मिशन पूरी तरह से भारतीय है। उन्होंने कहा, हम अंतरिक्ष में पावर बन गए हैं, इस लिहाज से यह उपलब्धि बड़ी नहीं है। कन्वेंशल आर्मी एयरफोर्स के युद्ध फिर साइबर और अब स्पेस। अब हमारी तैयारी ही हमारी सबसे बड़ी सुरक्षा है। आज जो यह उपलब्धि हासिल हुई है यह 100 फीसदी भारतीय है। इसकी हर चीज का भारत में निर्माण हुआ है और भारत में शोध हुआ है। भारत के पास स्पेस पावर बनकर यह शक्ति आई है। पीएम की ही तरह जेटली ने भी दोहराया कि भारत के शांतिप्रिय प्रवृति को जारी रखना ही इस मिशन का उद्देश्य है। उन्होंने कहा, ‘हमने किसी आक्रमण के लिए इसका डिवेलपमेंट नहीं किया है। इसके माध्यम से हमारी क्षमता बढ़ी है। इस जियो पॉलिटिकल सिचुएशन में अपनी रक्षा करने की पूरी ताकत हमारे पास है। वैज्ञानिक पिछली दशक से तैयार थे,लेकिन सरकार में ये क्षमता नहीं थी, स्पष्टता नहीं थी कि उन्हें अनुमति दे। प्रधानमंत्री जी देश की सिक्यॉरिटी को ताकत दे रहे हैं उसमें यह एक नया माइलस्टोन है। इस प्रकार की ताकत के साथ हमारी शक्ति ही नहीं बढ़ेगी, हमारी शांति को कायम रखें इसकी क्षमता भी बढ़ेगी।’

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