एम्स भोपाल में शुरू होगा मूत्र रोग का इलाज और पेट की सर्जरी

भोपाल,राजधानी स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में अब मूत्र रोग (यूरोलॉजी) व पेट की सर्जरी भी होगी। इन विभागों में एक-एक फैकल्टी का संविदा पर चयन होने के बाद मरीजों को इन विभागों में इलाज मिलने लगेगा। अभी यह विभाग बंद है, जबकि दोनों में मिलाकर रोजाना करीब 80 मरीज आते हैं। एम्स प्रबंधन ने असिस्टेंट प्रोफेसरों के 41 पदों के लिए वाक-इन इंटरव्यू इसी महीने किया था। इसमें 9 फैकल्टी का चयन किया गया है। इसमें यूरोलॉजी, गैस्ट्रो सर्जरी व कैंसर सर्जरी के लिए एक-एक का चयन किया गया है। एम्स में यूरोलॉजी विभाग में डॉ. सौरभ जैन ने बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर ज्वाइन किया था। पिछले साल अगस्त में उन्होंने हमीदिया में बतौर एसोसिएट प्रोफेसर ज्वाइन कर लिया था। तब से एम्स में कोई यूरोलॉजिस्ट नहीं है। अब डॉ. शाजिब फरीदी का चयन एम्स भोपाल में संविदा पर किया गया है। उनके ज्वाइन करने से इस विभाग में फिर से मरीजों का इलाज शुरू हो सकेगा। इसी तरह से पेट की सर्जरी (गैस्ट्रो सर्जरी) विभाग के लिए भी पहली बार एक डॉक्टर का चयन किया गया है। इनके ज्वाइन करने के बाद लिवर, पैंक्रियाज व आंतों की बीमारी का इलाज किया जा सकेगा।
बता दें कि पहले रोस्टर तैयार नहीं होने व बाद में चुनाव आचार संहिता के चलते असिस्टेंट प्रोफेसरों के स्थायी भर्ती की जगह एम्स प्रबंधन ने संविदा भर्ती निकाली थी। एसोसिएट प्रोफेसर, एडिशनल प्रोफेसर व प्राफेसर के 119 पदों के लिए स्थायी भर्ती की जा रही है। एम्स प्रबंधन में ट्रामा एवं इमरजेंसी यूनिट में अलग-अलग विभागों के लिए 9 फैकल्टी की संविदा पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था। इसका मकसद इन पदों पर डॉक्टरों के आने के बाद ट्रामा यूनिट पूरी सुविधाओं के साथ शुरू करना था। यहां न्यूरो सर्जरी, बर्न एवं प्लास्टिक सर्जरी, क्रिटिकल केयर समेत अलग-अलग विभागों के लिए भर्ती निकाली गई थी। एम्स में फिजिकल मेडिसिन एंड रिहैबिलिटेशन, ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन एवं ब्लड बैंक, ईएनटी, जनरल मेडिसिन, कैंसर सर्जरी, एनेस्थीसिया, फार्माकोलॉजी, पैथोलॉजी एवं लैब मेडिसिन के फैकल्टी का चयन हुआ है।

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