स्वाइन फ्लू से भोपाल में तीसरे दिन दो और मरीजों की मौत, हालात भयावह होने लगे

भोपाल,राजधानी में स्वाइन फ्लू से लगातार तीसरे दिन दो और मरीजों की मौत हो गई। यानी शहर में स्वाइन फ्लू का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है। इस सीजन में स्वाइन फ्लू से जिन मरीजों की मौत हुई है, उनमें से अधिकांश का इलाज समय पर शुरू नहीं हो पाया था। इस कारण जब यह मरीज अस्पताल पहुंचे तब तक सक्रमंण बहुत बढ़ चुका था।
स्वाइन फ्लू के संक्रमण से मरीजों की मौत का सिलसिला लगातार जारी है। राजधानी में सप्ताह के शुरु में सोमवार-मंगलवार को एक-एक मरीज की मौत हुई थी, बुधवार को दो और मरीज की मौत हो गई। इनमें एक मरीज भोपाल का और दूसरा होशंगाबाद का रहने वाला है। इस सीजन में राजधानी में स्वाइन फ्लू से मरने वालों की संख्या 20 पर पहुंच गई है। जबकि, 130 से ज्यादा मरीज में स्वाइन फ्लू पॉजीटिव पाया गया है। वहीं स्वास्थ्य विभाग ने बुधवार को 12 सैंपल जांच के लिए भेज थे। 13 की रिपोर्ट आई, इनमें एक पॉजीटिव और 12 सैंपल निगेटिव मिले हैं। जबकि 37 सैंपल की जांच रिपोर्ट आना अभी बाकी है।
युवा मरीज सबसे ज्यादा चपेट में
स्वाइन फ्लू के संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा पांच साल से कम 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को अधिक प्रभावित करता है। लेकिन, इस बार स्वाइन फ्लू का संक्रमण युवाओं को भी अपनी चपेट में ले रहा है। यही वजह है कि 45 से 65 साल उम्र के 43 मरीजों में स्वाइन फ्लू पॉजीटिव पाया गया। इसकारण जब भी स्वाइन फ्लू के लक्षण दिखाई दें तो उस हल्के में न लें। स्वास्थ्य विभाग की लाचार व्यवस्था के कारण स्वाइन फ्लू के अधिकत्तर मरीज सरकारी अस्पतालों के जगह प्राइवेट अस्पतालों पर ज्यादा भरोसा कर रहे हैं। अभी राजधानी में स्वाइन फ्लू के चिह्नित और संदिग्ध 37 मरीजों का इलाज किया जा रहा है। इसके महज 6 मरीज हमीदिया और एम्स में भर्ती हैं। इन 37 मरीजों में से 13 पॉजिटिव हैं, 24 संदिग्ध हैं।
पिछले साल के मुकाबले स्थिति भयावह
इस साल राजधानी सहित पूरे प्रदेश में स्थिति ज्यादा भयावह है। 2018 में पूरे प्रदेश में 100 लोगों में स्वाइन फ्लू पॉजीटिव पाया गया था। जिसमें 34 लोगों की मौत हुई थी। जबकि, इस 10 मार्च तक प्रदेश में 71 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 360 से ज्यादा लोगों में स्वाइन पॉजीटिव पाया गया है।

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