लोकसभा के लिए देश में सात चरणों में 11 अप्रैल से वोट डाले जायेंगे, 23 मई को होगी वोटों की गिनती

नई दिल्ली, देश भर में सत्रहवीं लोकसभा के लिए सात चरणों में वोट डाले जायेंगे, वोटों की गिनती 23 मई को की जाएगी. वोट डाले जाने की शुरुआत पहले चरण में 11 अप्रैल से शुरू होकर अंतिम और सातवें चरण में 12 मई को होंगे दूसरे चरण में 18 मई तीसरे में 23 अप्रैल, चौथे चरण में 29 अप्रैल पांचवे चरण में 6 मई और छठवे चरण में 12 मई को मतदान होगा. उत्तरप्रदेश,बिहार और पश्चिम बंगाल में सभी सात चरणों में वोट पड़ेगे.चुनाव कार्यक्रम का एलान मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोरा ने आज शाम पत्रकारवार्ता में किया,उन्होंने कहा कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही देश में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है. आयोग ने लोकसभा की देश भर की कुल 543 सीटों पर 7 चरणों में चुनाव कराने का निर्णय लिया। ये चुनाव 11, 18, 23, 29 अप्रैल तथा 6, 12 और 19 मई को चुनाव होंगे। सभी चरणों की वोटिंग की गिनती एक साथ 23 मई को होगी। पहले राउंड में 20 राज्यों की 91 सीटों पर मतदान होगा। दूसरे राउंड में 13 राज्यों की 97 सीटों पर मतदान होगा। तीसरे चरण में 14 राज्यों की 115 सीटों पर वोट पड़ेंगे। चौथे दौर में 9 राज्यों की 7 सीटों, 5वें में 7 राज्यों की 51 सीटों, छठे राउंड में 7 राज्यों की 59 सीटों और 7वें एवं आखिरी दौर में 8 राज्यों की 59 सीटों पर मतदान होगा। दिल्ली में छठे चरण में 12 मई को मतदान होगा। सबसे ज्यादा 80 लोकसभा सीटों वाले उत्तर प्रदेश, 40 सीटों वाले बिहार और 42 सीटों वाले पश्चिम बंगाल में सभी 7 चरणों में मतदान होगा। झारखंड, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और ओडिशा में चार चरणों में चुनाव कराए जाएंगे। असम और छत्तीसगढ़ में 3 चरणों में चुनाव होंगे, वहीं कर्नाटक, मणिपुर, राजस्थान और त्रिपुरा में 2 चरणों में चुनाव संपन्न होगा। इसके अलावा 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में एक राउंड में ही वोटिंग होगी। जिसमें आंध्र प्रदेश, अरुणाचल, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, केरल, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, पंजाब, सिक्किम, तेलंगाना, तमिलनाडु, उत्तराखंड, अंडमान-निकोबार, दादर एवं नागर हवेली, दिल्ली, पुदुचेरी, चंडीगढ़ में एक ही राउंड में मतदान होगा।
चुनाव आयोग ने अपनी प्रेसवार्ता में बताया कि इस बार सभी पोलिंग स्टेशनों पर वीवीपैट मशीनें होंगी। इससे वोटर्स को यह पता चल सकेगा कि उसकी ओर से दिया गया वोट सही उम्मीदवार को ही पड़ा है या नहीं। इतना ही नहीं ईवीएम की भी कई स्तरीय सुरक्षा होगी। हर उम्मीदवार को फॉर्म 26 भरना होगा। देश भऱ में कुल 10 लाख पोलिंग स्टेशनों पर मतदान कराया जाएगा। 2014 में यह संख्या 9 लाख के करीब थी। सभी मतदान केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे भी लगे होंगे। पूरी चुनावी प्रक्रिया की विडियोग्रफी भी होगी। चुनाव आयोग ने आगे कहा कि इस आम चुनाव में 90 करोड़ वोटर अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे। 2014 से अब तक 8.4 करोड़ मतदाता बढ़े हैं। 1.5 करोड़ मतदाता 18 से 19 साल के हैं। बीते चुनाव में 81 करोड़ वोटर थे। देश भर के 99.3 पर्सेंट मतदाताओं के पास मतदाता पहचान पत्र हैं। 1095 पर एसएमएस के जरिए भी लोग मतदाता सूची में अपना नाम खोज सकते हैं। यह नंबर टोल फ्री है। तारीखों के ऐलान के 10 दिन बाद वोटिंग लिस्ट में कोई बदलाव नहीं होगा। हर घर को वोटर गाइड कार्ड दिया जाएगा। सबसे कम लक्षद्वीप में 49,922 वोटर होंगे। सबसे ज्यादा मल्काजगिरी में 31,83,325 मतदाता है। चुनाव प्रचार के लिए ईको-फ्रेंडली सामग्री के इस्तेमाल की भी सलाह दी गई है। कोई भी उम्मीदवार अखबार में 3 बार ही विज्ञापन दे सकेगा। यदि कोई उम्मीदवार अपने पेन कार्ड की जिम्मेदारी नहीं देता है, तो उसकी उम्मीदवारी निरस्त कर दी जाएगी। यही नहीं उम्मीदवार चुनाव प्रचार के लिए रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। सोशल मीडिया पर खर्च की गई रकम को भी उम्मीदवारों के चुनावी खर्च में जोड़ा जाएगा। सभी उम्मीदवारों को अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स की जानकारी भी देनी होगी।

उम्मीदवार की फोटो देखकर मतदान
इस बार चुनाव में ईवीएम में प्रत्याशी की तस्वीर होगी। मतदान केंद्रों पर इस बार वीवीपीएटी का इस्तेमाल होगा। मतदाता वोट करने के बाद पर्ची में यह देख पायेगा कि उसने जिसे वोट किया है मत उसे ही पहुंचा या नहीं?
अपना नाम ऐसे जुड़वाएं
1590 पर फोन कर और एसएमएस के जरिए वोटर, वोटिंग लिस्ट में अपना नाम चेक कर सकते हैं। 1950 पर कॉल कर जानकारी ली जा सकती है।
सख्त सुरक्षा के बीच मतदान
संवेदनशील जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगेंगे और वेबकास्टिंग होगी। सभी बड़ी घटनाओं की वीडियोग्राफी की जाएगी। आयोग ने कहा कि उम्मीदवारों को अपने आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी देनी होगी। चुनाव में ईवीएम की जीपीएस ट्रैकिंग भी की जाएगी। संवेदनशील इलाकों में सीआरपीएफ की तैनाती भी की जाएगी।
एक नजर में खबर
17वीं लोकसभा का होगा गठन
90 करोड़ मतदाता
०8 करोड़ 43 लाख नए मतदाता वोट करेंगे
ृ1.5 करोड़ मतदा पहली बार करेंगे मतदान(18 से 19 वर्ष)
10 लाख बूथों पर वोट डाले जाएंगे
-जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव आम चुनाव के साथ नहीं होगा
-ईवीएम मशीनों को जीपीएस से टै्रक किया जाएगा
आम आदमी कर सकता है शिकायत
आम आदमी भी आचार संहिता के उल्लंधन की जानकारी एक एंड्रॉयड एप के जरिए दे सकता है। शिकायतकर्ता की पहचान उजागर नहीं की जाएगी और इस पर जांच करक एक्शन लिया जाएगा।
मोदी का ट्वीट
मैं राजनीतिक पार्टी और सभी उम्मीदवारों को 2019 लोकसभा चुनाव के लिए शुभकामनाएं देता हूं। हम अलग-अलग पार्टियों से ताल्लुक रखते हैं, लेकिन हमारा उद्देश्य भारत का विकास और उन्नति है।
नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
2014 के चुनाव को जानें
2014 के लोकसभा चुनाव का ऐलान 5 मार्च 2014 को किया गया था। मतदान 7 अप्रैल को शुरू होकर नौ चरणों में 12 मई को ख़त्म हुए थे। 16 मई को नतीजों में भारतीय जनता पार्टी को बहुमत हासिल हुआ था और दूसरे सहयोगी दलों के साथ एनडीए की सरकार बनी। भाजपा को इन चुनाव में 282 सीटें मिली थीं।
लोकसभा में कितनी सीटें?
अधिकतम सीटें 552
वर्तमान सीटें 545
मतदान से 543
राष्ट्रपति नामित 02
(राष्ट्रपति को लगता है कि एंग्लो-इंडियन समुदाय के लोगों का लोकसभा में प्रतिनिधित्व काफ़ी नहीं है तो वह दो लोगों को नामांकित भी कर सकते हैं)
सीटों का आरक्षण
आरक्षित सीटें 131
अनुसूचित जाति 84
अनुसूचित जनजाति 47
272 सीटों पर सरकार
272 सीटें हासिल करने पर ही कोई दल सरकार बना सकता है। बहुमत से कुछ सीटें कम भी पड़ जाएं तो दूसरे दलों के साथ गठबंधन करके भी सरकार बनाई जा सकती है। राजनीतिक दलों का गठबंधन चुनाव से पहले भी हो सकता है और नतीजों के बाद भी।
कौन बनता है विपक्ष
लोकसभा में विपक्ष के नेता का पद लेने के लिए विपक्षी पार्टी के पास कम से कम ुकुल सीटों की 10 फ़ीसदी संख्या होनी चाहिए यानी 55 सीटे। 2014 के आम चुनाव में मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस को सिर्फ 44 सीटें ही मिल पाई थीं।
2014 में किसे कितनी सीटें
भाजपा 282 (वर्तमान में 268 सदस्य ही लोकसभा में रह गए)
कांग्रेस 44
एनडीए (भाजपा नेतृत्व वाला गठबंधन) ००
यूपीए (कांग्रेस नेतृत्व वाला गठबंधन) ००
चार राज्यों में विधानसभा चुनाव भी होंगे
लोकसभा चुनाव के साथ ही चार राज्य ओडिशा, आंध प्रदेश, सिक्किम और अरुणाचल में विधानसभा के लिए मतदान भी होगा। चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा- ओडिशा में 11 अप्रैल से 29 अप्रैल के बीच चार चरणों में लोकसभा के साथ ही विधानसभा के चुनाव भी कराए जाएंगे।
ओडिशा
ओडिशा में 11, 18, 23 और 29 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। बता दें कि ओडिशा की 147 विधानसभा सीटों के लिए चुनावों में मुख्य मुकाबला सत्तारुढ़ बीजू जनता दल, बीजेपी और कांग्रेस के बीच होगा। ओडिशा का कार्यकाल 11 जून को खत्म हो रहा।
आंध्र प्रदेश
आंध्र प्रदेश में भी 175 विधानसभा सीटों पर लोकसभा चुनाव के साथ ही पहले चरण में 11 अप्रैल को मतदान किया जाएगा। आंध्र प्रदेश के विधानसभा चुनाव में तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) और वाईएसआर कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर के संकेत मिल रहे हैं। आंध्र प्रदेश का कार्यकाल 18 जून को खत्म हो रहा।
सिक्किम
सिक्किम में भी 11 अप्रैल को ही लोकसभा चुनाव के साथ विधानसभा चुनाव की भी वोटिंग होगी। सिक्किम की 32 विधानसभा सीटों के लिए 11 अप्रैल को लोकसभा की एक सीट के साथ ही वोट पड़ेंगे। इस वक्त राज्य में मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग की अगुवाई में सत्तारूढ़ सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट(एसडीएफ) एक बार फिर राज्य में वापसी की कोशिशों में लगी है। राज्य के सीएम पवन कुमार चामलिंग पांच बार यहां के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और छठी बार मैदान में ताल ठोक रहे हैं। वे सबसे ज्यादा समय तक देश के मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड रखते हैं। सिक्किम विधानसभा का कार्यकाल 27 मई को खत्म हो रहा।
अरुणाचल
अरुणाचल प्रदेश की 60 विधानसभा सीटों पर 11 अप्रैल को चुनाव होंगे। गौरतलब है कि 7 चरणों में होने वाले लोकसभा चुनावों की शुरुआत 11 अप्रैल से होनी है। सातवें चरण का चुनाव 19 मई को होगा। वहीं सभी चरणों के परिणामों की घोषणा 23 मई को की जाएगी। अरुणाचल प्रदेश की विधानसभा का कार्यकाल जून के पहले सप्ताह में पूरा हो रहा है।
मोदी का विदाई पर्व शुरू : कांग्रेस
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने चुनाव तारीखों के ऐलान को लेकर कहा, यह मोदी जी की विदाई पार्टी का पहला दिन है। मतदाता तैयार हैं। किसान, बेरोजगार युवा और छोटे कारोबारी, ये सभी लोग इस दिन का इंतजार कर रहे थे। हम नहीं जानते कि मोदी जी ने इसमें देरी क्यों की। शायद वह कांग्रेस के शासन में शुरू हुई परियोजनाओं का फीता काटना चाहते थे।
क्या होती है चुनाव आचार संहिता
लोकसभा चुनाव 2019 का कार्यक्रम घोषित करते ही देश में आदर्श आचार संहिता भी लागू हो गई है। देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग के बनाए गए नियमों को ही आचार संहिता कहते हैं। राज्यों और केंद्र सरकार के कर्मचारी चुनावी प्रक्रिया पूरी होने तक चुनाव आयोग के कर्मचारी की तरह काम करते हैं। आचार संहिता लागू होने के बाद सार्वजनिक धन का इस्तेमाल किसी ऐसे आयोजन में नहीं किया जा सकता जिससे किसी विशेष दल को फ़ायदा पहुंचता हों।
सरकारी गाड़ी, सरकारी विमान या सरकारी बंगला का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जा सकता है। आचार संहिता लगने के बाद सभी तरह की सरकारी घोषणाएं, लोकार्पण, शिलान्यास या भूमिपूजन के कार्यक्रम नहीं किए जा सकते हैं।
किसी भी पार्टी, प्रत्याशी या समर्थकों को रैली या जुलूस निकालने या चुनावी सभा करने की पूर्व अनुमति पुलिस से लेना अनिवार्य होता है.। राजनीतिक कार्यक्रमों पर नजऱ रखने के लिए चुनाव आयोग पर्यवेक्षक भी नियुक्त करता है। कोई भी राजनीतिक दल जाति या धर्म के आधार पर मतदाताओं से वोट नहीं मांग सकता है।
ऐसा करने पर चुनाव आयोग दंडात्मक कार्रवाई भी कर सकता है। यदि कोई प्रत्याशी या राजनीतिक दल आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करता है तो चुनाव आयोग नियमानुसार कार्रवाई कर सकता है। उम्मीदवार को चुनाव लडऩे से रोका जा सकता है. ज़रूरी होने पर आपराधिक मुक़दमा भी दर्ज कराया जा सकता है।
आचार संहिता के उल्लंघन में जेल जाने तक के प्रावधान भी हैं।
60 हजार करोड़ रुपए का हो सकता है चुनाव
अमेरिका के चुनाव प्रचार को भी पछाड़ सकता है भारत
कारनीज एंडोमेंट फोर इंटरनेशनल पीस थिंकटैंक में सीनियर फेलो और दक्षिण एशिया कार्यक्रम के निदेशक मिलन वैष्णव के मुताबिक 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव और कांग्रेस चुनावों में 46,211 करोड़ रुपए (650 करोड़ डॉलर) खर्च हुए थे। अगर भारत में 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में 35,547 करोड़ रुपए (500 करोड़ डॉलर) खर्च हुए थे तो 2019 के चुनाव में अमेरिकी चुनावों में खर्च का आंकड़ा आसानी से पार हो सकता है। अगर ऐसा हुआ तो यह दुनिया का सबसे खर्चीला चुनाव साबित होगा। सीएमएस के एन भास्कर राव के मुताबिक खर्च की दर अगर यही रही तो 2019 के लोकसभा चुनाव में 50,000 से 60,000 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। पिछले लोकसभा चुनाव में 35,000 करोड़ रुपया खर्च हुआ था।
इधर,मध्‍यप्रदेश में आयोग के निर्वाचन कार्यक्रम अनुसार चार चरणों में चुनाव होंगे। सात चरणों में होने वाले लोकसभा चुनावों में चौथे, पांचवे, छटवे और सातवें चरण में मध्‍यप्रदेश के 29 लोकसभा क्षेत्रों में चुनाव होंगे। प्रदेश में चौथे चरण में 6 लोकसभा क्षेत्र सीधी, शहडोल, जबलपुर, बालाघाट, मण्‍डला और छिन्‍दवाड़ा में मतदान होगा। निर्वाचन प्रक्रिया में 2 अप्रैल को अधिसूचना जारी होगी और 9 अप्रैल तक नामांकन जमा किये जा सकेंगे। 10 अप्रैल को नामांकनों की संवीक्षा होगी और 12 अप्रैल को नाम वापस लियें जा सकेंगे। 29 अप्रैल को मतदान होंगे।
पांचवे चरण में सात लोकसभा क्षेत्र टीकमगढ़, दमोह, सतना, रीवा, खजुराहो, होशंगाबाद और बैतूल लोकसभा क्षेत्र में चुनाव होंगे जिसकी अधिसूचना 10 अप्रैल को जारी होगी। 18 अप्रैल तक नामांकन जमा किये जा सकेंगे। 20 अप्रैल को नामांकनों की संवीक्षा होगी। 22 अप्रैल को नाम वापस लिये जा सकेंगे। मतदान 6 मई को होगा।
छटवे चरण में आठ लोकसभा क्षेत्र मुरैना, भिण्‍ड, ग्‍वालियर, गुना, सागर, विदिशा, भोपाल और राजगढ़ में मतदान होगा। जिसकी अधिसूचना 16 अप्रैल को जारी होगी। 23 अप्रैल तक नामांकन जमा किये जा सकेंगे। 24 अप्रैल को नामांकनों की संवीक्षा होगी। 26 अप्रैल को नाम वापस लिये जा सकेंगे। मतदान 12 मई को होगा।
सातवें और अन्तिम चरण में आठ लोकसभा क्षेत्र देवास, उज्‍जैन, इंदौर, धार, मन्‍दसौर, रतलाम, खरगौन और खण्‍डवा में मतदान होगा। जिसकी अधिसूचना 22 अप्रैल को जारी होगी। 29 अप्रैल तक नामांकन जमा किये जा सकेंगे। 30 अप्रैल को नामांकनों की संवीक्षा होगी। 2 मई को नाम वापस लिये जा सकेंगे। मतदान 19 मई को होगा। प्रदेश में लोकसभा चुनाव की मतगणना 23 मई को होगी। विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 126 छिन्‍दवाड़ा का विधानसभा चुनाव भी लोकसभा निर्वाचन के साथ ही होगा। जिसमें 29 अप्रैल को मतदान होगा और मतगणना 23 मई को लोकसभा की मतगणना के साथ ही होगी।

 

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