MP में किसानों को लाभ दिलाने बनेगी नई कृषि नीति

भोपाल, मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा है कि किसानों को उनके अधिक उत्पादन का वाजिब दाम दिलाने के लिये विपणन आधारित कृषि नीति जल्द ही बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि मक्का उत्पादक किसानों को बोनस की राशि दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने बगैर घोषणा किए एम्स की तर्ज पर छिंदवाड़ा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस कॉलेज का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के लिए आज का दिन ऐतिहासिक है। चिकित्सा के क्षेत्र में यह सौगात छिंदवाड़ा और आसपास के क्षेत्रों के साथ जबलपुर, भोपाल और नागपुर तक के लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाएगी। उन्होंने कहा कि छिंदवाड़ा का विकास इस क्षेत्र की जनता के विश्वास और प्यार का नतीजा है और अब जो ताकत और विश्वास प्रदेश की जनता ने मुझे दिया है, उसकी सौगात मैं प्रदेश को समृद्ध बनाकर दूँगा। नाथ आज छिंदवाड़ा में कर्ज माफी प्रमाण-पत्र एवं मेडिकल कॉलेज के उद्घाटन के बाद विशाल जन-समुदाय को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि अगले आने वाले 5 दिन में प्रदेश में 25 लाख किसानों का कर्जा माफ हो जाएगा। उन्होंने कहा कि कर्ज माफी किसानों की समस्या का स्थायी समाधान नहीं है। स्थायी समाधान है कि उन्हें अपनी उपज का वाजिब दाम मिले। इसके लिए सरकार शीघ्र ही किसानों की उपज का विपणन कर बेहतर दाम दिलाने के लिए एक कृषि नीति बनाएगी। नीति में आंचलिक विशेष में होने वाली उपज का उपयोग कैसे हो, इसका प्रावधान किया जाएगा।
छिंदवाड़ा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस का लोकार्पण
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा कि आज का दिन छिंदवाड़ा के लिए ऐतिहासिक दिन है। उन्होंने कहा कि आज जिस मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन हुआ है, उसकी मैने कोई घोषणा नहीं की थी। यह मेडिकल कॉलेज प्रदेश का सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा केन्द्र बनाया जाएगा। एम्स की तर्ज पर इसका नाम छिंदवाड़ा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस होगा। महाविद्यालय में बाहर से छात्र पढ़ने आएंगे और वे चिकित्सक बनकर लोगों का इलाज करेंगे। इस चिकित्सा महाविद्यालय को इतना सर्व-सुविधायुक्त और अत्याधुनिक चिकित्सीय उपकरण तथा चिकित्सा से लैस किया जाएगा कि लोग यहाँ इलाज कराने के साथ देखने भी आएंगे।
पेंच माइक्रो इरिगेशन कॉम्पलेक्स का शिलान्यास
मुख्यमंत्री ने पेंच व्यवपवर्तन परियोजना के अंतर्गत पेंच माइक्रो इरिगेशन कॉम्पलेक्स का शिलान्यास किया। पेंच बांध से ऊँचाई पर बसे हुए विभिन्न ग्रामों में अत्याधुनिक माइक्रो इरीगेशन प्रणाली से सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। इससे 68 गाँवों के 12 हजार 800 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी। योजना की कुल लागत 182.89 करोड़ रुपये है।

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