मध्यप्रदेश विधानसभा में 77 हजार,186 करोड़, 23 लाख, 74 हजार रुपये का लेखनुदान पेश

भोपाल, मध्यप्रदेश की 15वीं विधानसभा के द्वितीय सत्र के दूसरे दिन बुधवार को सदन की कार्रवाई सुचारू रूप से चली। हालाकि छुट-पुट हंगामा भी हुआ। ध्यानाकर्षण के दौरान भाजपा विधायक कमल पटेल ने हरदा और होशंगाबाद मे किसानों के साथ कर्ज घोटाले के मामले को उठाया। इस पर मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने जांच करवारकर कार्रवाई का आश्वासन दिया। सत्र के दौरान कमल नाथ सरकार के वित्त मंत्री तरुण भनोट ने सप्लीमेंट्री बजट और लेखानुदान पेश कर दिया। भनोट ने 77 हजार, 186 करोड़, 23 लाख, 74 हजार रुपये का लेखनुदान पेश किया। इस राशि को वित्त वर्ष 2019-20 के प्रथम चार महीने यानी अप्रैल से जुलाई तक खर्च चलाया जाएगा। गौरतलब है कि अपने पहले सत्र में भी नाथ सरकार ने तीन महीने के लिए अनुपूरक बजट पेश किया था। अप्रैल महीने में लोकसभा चुनाव संभावित हैं, इसलिए मध्यप्रदेश सरकार ने पूर्ण बजट पेश नहीं किया। प्रदेश का पूर्ण बजट जुलाई में पेश किया जा सकता है।
लेखानुदान क्यों लाया जाता है
लेखानुदान का अर्थ यह है कि सरकार अगले कुछ महीनों के लिए बजट से पैसे उधार ले रही है, जब बजट पेश होगा तो लेखानुदान की राशि उससे कम कर दी जाएगी। इससे पहले वर्ष 2014 और 2009 में भी सरकारों द्वारा लेखानुदान पेश किया जा चुका है। लेखानुदान में के समय न तो कोई नया कर लगाया जाता है और न ही कोई नई घोषणा की जाती है। सभी प्रक्रियाएं वैसी ही चलती हैं जैसा पहले चल रहा है वैसा अगले चार महीने और चलता रहेगा।
दिग्विजय सिंह सदन की कार्यवाही प्रभावित कर रहे: भाजपा
प्रश्न काल प्रारंभ होते ही विपक्षी सदस्यों ने मंदसौर गोली कांड मामले पर हंगामा मचा दिया। विपक्षी विधायकों ने सरकार पर सदन की अवमानना का आरोप लगाया है। गौरतलब है कि सोमवार को मंदसौर गोली कांड और नर्मदा किनारे पौधरोपण के मामले में सही ठहराया गया था। इस मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह इस मामले में अपनी ही सरकार को गलत ठहरा चुके हैं। मंगलवार को इस मामले में कमलनाथ सरकार के मंत्रियों सदन के बाहर अलग तरह की बातें कहीं थी। इधर, भाजपा विधायक नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह सदन की कार्यवाही प्रभावित कर रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव और भाजपा विधायक नरोत्तम मिश्रा ने दिग्विजय सिंह और कमलनाथ के खिलाफ विशेषाधिकार भंग की सूचना देने की चेतावनी दी।
हमें संविधान का पाठ न पढ़ाएं : कमल नाथ
विपक्ष के हंगामे के दौरान मुख्यमंत्री कमल नाथ ने भी विपक्ष को तीखा जवाब दिया। नाथ ने कहा कि लंबे समय के बाद भाजपा विपक्ष में बैठी है। भाजपा का यह सफर मंगलमय हो। विपक्ष हमें संविधान का पाठ न पढ़ाए।
गरीब सवर्णों को जल्द मिल सकता है आरक्षण
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मीडिया से चर्चा में कहा कि गरीब सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने के मामले पर मध्य प्रदेश सरकार जल्द फैसला ले लेगी। इसके लिए समिति बनाएगी और उसके बाद ही कोई निर्णय लिया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि समिति आरक्षण लागू करने के पहलुओं पर विचार करेगी। गौर होकि विधानसभा सत्र शुरू होते ही नेता विपक्ष गोपाल भार्गव ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया और मांग की कि मध्य प्रदेश में गरीब सवर्णों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण लागू किया जाए। इससे पहले राजस्थान में कांग्रेस सरकार बनते ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ऐलान किया था कि प्रदेश में गरीब सवर्णों को आरक्षण दिया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *