मंत्रियों को डांटे जाने की अखबार में छपी खबर को लेकर विधानसभा में विपक्ष का शोर शराबा

भोपाल, राजधानी के कतिपय अखबारों में छपी मंत्रियों को बुलाकर डांटने की खबरों को लेकर आज राज्य विधानसभा में विपक्ष द्वारा जबर्दस्त हंगामा किया गया। मामले में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जवाब देते हुए कहा कि बहुत दिनों बाद माननीय सदस्यों को विपक्ष में बैठने का मौका मिला है। उन्होंने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि हमें भी संविधान की समझ है। बहुत गंभीरता से संविधान को पढा है। विपक्ष के रवैये को सीएम ने गैर संवैधानिक बताते हुए कहा कि अखबार की खबरों को आधार बनाकर विधानसभा में चर्चा नहीं कराई जा सकती। उन्होंने विपक्ष को दूसरे प्रदेशों की विधानसभाओं की नकल नही करने की नसीहत देते हुए कहा कि हम मिलकर प्रदेश की विधानसभा को अन्य प्रदेशों के लिए उदाहरण बनाए, ऐसा काम करें। इससे पहले विधानसभा की कार्यवाही शुरु होते ही विपक्ष के नेता गोपाल भार्गव ने आरोप लगाया कि इस घटना से मंत्रिमंडल के सदस्य पद एवं गोपनीयता की जो शपथ लेते हैं उसका उल्लंघन हुआ है। प्रदेश में अभूतपूर्व संवैधानिक संकट पैदा हो गया है। इसको लेकर सदन में चर्चा कराई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि हाउस के बाहर मंत्री को डांटा जा रहा है, यह कैसी व्यवस्था है। एक नहीं चार-चार मंत्रियों को डांटा जा रहा है। जवाब में सामान्य प्रशासन मंत्री गोविंद सिंह ने कहा कि अखबार में प्रकाशित किसी भी समाचार को लेकर सदन में चर्चा नहीं कराई जा सकती है। उन्होंने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है जैसा कि बताया जा रहा है। आपके पास गलत सूचना है, किसी भी मंत्री को बुलाकर नहीं डांटा गया है। हंगामा बढता देख विस अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने नेता प्रतिक्ष को बैठने का इशारा करते हुए कहा कि क्रपया पश्नकाल चलने दे। बीच में ही बोलते हुए विधायक नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि क्या आप प्रश्नोत्तर काल के बाद हमारी बात सुनेंगे। इस पर प्रजापति ने कहा कि मैने आपको सुना, मौका दिया। उन्होंने कहा कि समाचार के आधार पर सदन में कोई चर्चा नहीं होती है उसके बाद भी आपको सुना गया है, अब प्रश्नोत्तरकाल चलने दीजिए। इसके बाद विपक्षी सदस्य अपने स्थानों पर बैठ गए।

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