मेजर बिष्ट की सात मार्च हो होनी थी शादी, तैयारी में जुटे थे परिजन, बम निष्क्रिय करते समय हुए थे शहीद

देहरादून,आईईडी बम को डिफ्यूज करने की कोशिश करते समय शहीद हुए मेजर चित्रेश सिंह बिष्ट का सोमवार को अंतिम संस्कार किया गया। मेजर बिष्ट की आगामी सात मार्च को शादी होने वाली थी। परिजन उनकी शादी की तैयारियों में जुटे हुए थे। अचानक किस्मत ने क्रूर मोड़ लिया और रविवार को वही परिजन मेजर बिष्ट के अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे थे।
जम्मू एवं कश्मीर के राजौरी जिले में नियंत्रण रेखा के पास आईईडी निष्क्रिय करते समय शहीद हुए मेजर बिष्ट (31) की शहादत के अगले दिन नेहरू कॉलोनी स्थित उनके आवास पर मातम पसरा है। मेजर बिष्ट अपनी शादी के लिए 28 फरवरी को घर आने वाले थे। उनका पार्थिव शरीर यहां मिलिट्री हॉस्पिटल में रविवार को पहुंचा। अंतिम संस्कार के लिए इसे सोमवार सुबह उनके आवास पर ले जाया जाएगा। खुशियों का शोरगुल दुखी परिजनों के करुण क्रंदन में बदल गया। उनके पिता सेवानिवृत्त पुलिस निरीक्षक एस।एस। बिष्ट ने कहा अजीब विडंबना है। वह शादी के लिए घर आने वाला था। अब हम उसके पार्थिव शरीर का इंतजार कर रहे हैं।
मेजर के पिता पहले ही अपने बेटे की शादी के ज्यादातर कार्ड बांट चुके थे और शादी के लिए गांववासियों और रिश्तेदारों को आमंत्रित करने के लिए वह इसी महीने कुमाऊं जिले में स्थित अपने गांव पीपली गए थे। मेजर विष्ट नौशेरा सेक्टर में बम निरोधक दस्ते की अगुआई कर रहे थे, जब आईईडी में विस्फोट हुआ। मेजर के परिजन और पड़ोसी उन्हें इंजीनियरिंग कॉर्प्स का बहादुर और ईमानदार अधिकारी बुलाते थे।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा मैं देश की सेवा में मेजर बिष्ट की शहादत को नमन करता हूं और शहीद के परिजनों के प्रति हार्दिक संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। संकट की इस घड़ी में पूरा देश उनके साथ खड़ा है। राज्यपाल बेबी रानी मौर्या और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी मेजर बिष्ट के निधन पर शोक व्यक्त किया।

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