सिंधु को ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप जीतने की उम्मीदें

गुवाहाटी,ओलंपिक कांस्य पदक विजेता पी वी सिंधु को उम्मीद है कि वह इस बार ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियनशिप में खिताब जीतने में सफल रहेंगी। करीब 18 साल से यह खिताब किसी भारतीय ने नहीं जीता है। 1980 में प्रकाश पादुकोण और साल 2001 में पुलेला गोपीचंद ने ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप जीती थी। अगर सिंधु इस बार खिताबा जीतती हैं तो वह तीसरी भारतीय ओर पहली महिला खिलाड़ी होंगी। इससे पहले कोच गोपीचंद ने भी कहा था कि इस बार सिंधु इस प्रतिष्ठित खिताब की प्रबल दावेदार है। सिंधु ने कहा, ‘ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप को लेकर तैयारियां चल रही हैं। वह जानती है कि ओलंपिक स्वर्ण विजेता कैरोलिना मारिन इस बार नहीं खेलेंगी पर इससे खिताबी जीत आसान नहीं होगी क्योंकि कई शानदार खिलाड़ी हैं इसे जीतने की क्षमता रखते हैं।
सिंधु ने कहा, ‘ टूर्नामेंट में हर राउंड काफी मुश्किल है और मेरे लिए हर अंक अहम है। मैं पहले राउंड में कोरिया की सुन जी ह्युन के खिलाफ उतरूंगी। मेरे लिए जरूरी यही है कि पहले राउंड से ही फोकस करूं क्योंकि टूर्नामेंट में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी खेलेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘यह खेल बदल रहा है और कोई भी खिलाड़ी हमेशा शीर्ष पर नहीं रह सकता। बहुत से नए खिलाड़ी आ रहे हैं। हमें अपना 100 प्रतिशत देने की जरूरत है। आप 1-20 तक के खिलाड़ियों को देखें, हमारा स्तर बराबर ही है। इसलिए, जीत के लिए केन्द्रित रहकर लगातार प्रयासों की जरुरत है।
सिंधु ने कहा कि उन्हें अब भी काफी कुछ सीखना है और विश्व बैडमिंटन में दबदबा बनाने के लिए उन्हें कुछ और शॉट सीखने की जरूरत है। ओलिंपिक, विश्व चैंपियनशिप, एशियाई खेलों और कॉमनवेल्थ गेम्स जैसी बड़ी प्रतियोगिताओं में रजत पदक जीतने वाली सिंधु ने पिछले तीन साल में विश्व में शानदार प्रदर्शन किया है। लेकिन यह भारतीय खिलाड़ी दुनिया की नंबर एक रैंकिंग हासिल करने में नाकाम रही। चीनी ताइपे ही ताइ जू यिंग 2016 से 14 खिताब जीतकर दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी बनी हुई हैं। यह पूछने पर कि क्या उन्हें विश्व बैडमिंटन में दबदबा बनाने के लिए कुछ और शाट जोड़ने की जरूरत है, सिंधु ने कहा, ‘निश्चित तौर पर हां। यह मेरे लिए सिर्फ शुरुआत है। मुझे काफी कुछ और सीखना है। मेरे पास अच्छे शाट हैं लेकिन मुझे रोजाना नए शाट सीखना जारी रखना होगा।’ उन्होंने कहा, ‘लेकिन मुझे लगता है कि सिर्फ एक खिलाड़ी बैडमिंटन में दबदबा नहीं बना सकता क्योंकि काफी खिलाड़ियों के आने से खेल में बदलाव आ रहा है। साथ ही किसी निश्चित दिन आपको शत प्रतिशत होने की जरूरत होगी, एक प्रतिशत भी कम नहीं। अगर आप दुनिया में एक से 20 नंबर की खिलाड़ियों को देखो तो उनका स्तर समान है इसलिए आपको हमेशा एकाग्रता बनाए रखनी होती है।’

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