लखनऊ एयरपोर्ट पर पु‎लिस ने पूर्व सीएम के चार्टर्ड प्लेन को रोका

लखनऊ, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में छात्रसंघ के वार्षिक कार्यक्रम में शा‎मिल होने जा रहे सपा प्रमुख अखिलेश यादव को लखनऊ हवाई अड्डे पर ही रोक दिया गया। बताया जा रहा है कि इलाहाबाद यूनिवर्सिटी ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के विरोध के बाद कार्यक्रम में शिरकत करने की अखिलेश यादव को अनुमति नहीं दी है। यही कारण है कि लखनऊ पुलिस ने एयरपोर्ट पर उनके चार्टेड प्लेन को रोक दिया। हालांकि, अभी साफ नहीं है कि अखिलेश यादव कार्यक्रम में जाएंगे या नहीं। इस घटना के बाद से ‎विपक्ष और पक्ष के वीच टकराव होना शुरु हो गया है। जहां ‎विपक्षी दल भाजपा और योगी पर जमकर भड़क रहे हैं तो भाजपा भी इस मुकाबले में जवाबी हमला कर रही है।
इस घटना के बाद अखिलेश यादव ने ट्वीट किया- एक छात्र नेता के शपथ ग्रहण कार्यक्रम से सरकार इतनी डर रही है कि मुझे लखनऊ हवाई-अड्डे पर रोका जा रहा है। उन्होंने लिखा कि बिना किसी लिखित आदेश के मुझे एयरपोर्ट पर रोका गया और पूछने पर भी स्थिति साफ करने में अधिकारी विफल रहे। छात्र संघ कार्यक्रम में जाने से रोकना का एक मात्र मकसद युवाओं के बीच समाजवादी विचारों और आवाज को दबाना है। उन्होंने आगे एक और ट्वीट किया और लिखा- मुझे बिना किसी लिखित आदेश के हवाई जहाज में चढ़ने से रोका गया। फिलहाल लखनऊ एयरपोर्ट पर हिरासत में लिया गया । यह स्पष्ट है कि छात्र नेता के शपथ समारोह से सरकार कितनी डरी हुई है। बीजेपी जानती है कि हमारे महान देश के युवा अब इस अन्याय को बर्दाश्त नहीं करेंगे। अखिलेश यादव ने कुछ तस्वीरें भी शेयर की हैं, जिसमें देखा जा सकता है कि अखिलेश यादव नीचे हैं और अधिकारी उन्हें जहाज पर चढ़ने से रोक रहे हैं। दरअसल, अखिलेश यादव के जाने को लेकर एबीवीपी के लोग विरोध कर रहे हैं। एबीवीपी ने विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग की है कि किसी भी राजनीतिक व्यक्ति को इस कार्यक्रम में आने की अनुमति नहीं दी जाए। ‎जिसके चलते छात्रसंघ के कार्यक्रम में आने के लिए यूनिवर्सिटी ने अखिलेश को परमिशऩ नहीं दी। एयरपोर्ट पर चार्टेड प्लेन को रोक दिया गया। पुलिस ने परमिशन नहीं देने का हवाला दिया है। दरअसल, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ के वार्षिक कार्यक्रम में अखिलेश यादव को जाना था। इलाहाबाद में छात्रसंघ का अध्यक्ष समाजवादी पार्टी का है और ज्वाइंट सेक्रेटरी भी एबीवीपी इसका विरोध इसलिए भी कर रही है क्योंकि साल 2015 में भी छात्रसंघ के कार्यक्रम में भाग लेने से योगी आदित्यनाथ को रोक दिया गया था, एबीवीपी ने 2015 में योगी आदित्यनाथ को छात्रसंघ का उद्घाटन के लिए बुलाया गया था। उस समय सपा की ऋचा सिंह अध्यक्ष थीं और उन्होंने आरोप लगाया था कि उन्हें बिना बताए एबीवीपी वालों ने योगी आदित्यनाथ को बुलाया है इसलिए उस वक्त भी यूनिवर्सिटी ने योगी आदित्यनाथ को रोक दिया था।
वहीं इस मामले को लेकर पक्ष- ‎विपक्ष के बीच जुबानी जंग ‎छिड़ गई है। अ‎खिलेश के बचाव में उतरीं बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने कहा कि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को इलाहाबाद नहीं जाने देने कि लिए उन्हें लखनऊ एयरपोर्ट पर ही रोक लेने की घटना अति-निन्दनीय है। उन्होंने कहा कि यह भाजपा सरकार की तानाशाही और लोकतंत्र की हत्या का प्रतीक है। मायावती ने इस मामले में दो ट्वीट किए। दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘क्या बीजेपी की केन्द्र व राज्य सरकार बीएसपी-एसपी गठबंधन से इतनी ज्यादा भयभीत व बौखला गई है कि उन्हें अपनी राजनीतिक गतिविधि और पार्टी प्रोग्राम आदि करने पर भी रोक लगाने पर वह तुल गई है। अति दुर्भाग्यपूर्ण। ऐसी आलोकतंत्रिक कार्रवाईयों का डट कर मुकाबला किया जाएगा।
राम गोपाल यादव ने योगी को दोषी ठहराया
इस घटना का ठीकरा सपा नेता रामगोपाल यादव ने सीएम योगी आदित्यनाथ पर फोड़ते हुए कहा कि अखिलेश के पास इलाहाबाद जाने की अनुमति थी, लेकिन सीएम योगी के निर्देश के बाद उन्हें रोक दिया गया। अखिलेश को इलाहाबाद तक नहीं जाने दिया जा रहा है। तो इस घटना पर ‎विरो‎धियों को मुंहतोड़ जवाब देने के ‎लिए भाजपा प्रवक्ता ने कहा, कुंभ शांतिपूर्वक चल रहा है। यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ के बीच माहौल अच्छा नहीं है। कुछ गड़बड़ी न हो इसलिए रोका गया। अखिलेश यादव की भी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है। उनकी मानसिकता गुंडाराज की है। वह इसे राजनीतिक मुद्दा बनाना चाहते हैं। ता‎कि शां‎ति पूर्वक चल रहे कुंभ में खलल डाल सकें।
मेवाणी ने भाजपा सरकार की बौखलाहट करार ‎‎दिया
इस मौके पर गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी भी बयान देने से चुके नहीं। उन्होंने लिखा, एक और नेता छात्रों को संबोधित करने से रोक लिया गया। मैं इसका सख्ती से विरोध करता हूं। इससे साफ है कि मोदी सरकार में बौखलाहट है।
पंखुड़ी पाठक योगी सरकार पर भड़कीं
समाजवादी पार्टी की प्रवक्ता रहीं पंखुड़ी पाठक ने ट्वीट किया, बतौर सांसद योगी आदित्यनाथ को इलाहाबाद विश्वविद्यालय में आने से छात्रों द्वारा रोका गया था क्योंकि वह कई हिंसा भड़काने और कानून का उल्लंघन करने के मामलों में दोषी थे। ऐसे आपराधिक स्वभाव वाले व्यक्ति के आने से कानून व्यवस्था को बेशक खतरा था, लेकिन अखिलेश यादव से ‎किस ‎लिए आपत्ति।

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