तस्वीर साफ होने लगी भाजपा से तभी गठबंधन करेगी सेना जब 150 विधानसभा और 26 लोकसभा सीटें मिलेंगी

मुंबई, एक तरफ भाजपा महाराष्ट्र में अपनी गठबंधन सहयोगी शिवसेना को अपने साथ जोड़े रखने के लिए तोड़तोड़ कर रही है, जबकि शिवसेना के तेवर अब तक ज्यों के त्यों बने हुए हैं। दो दिन पहले दोनों दलों के नेताओं के बीच फोन पर बातचीत हुई थी। लेकिन बात आगे नहीं बढ़ पाई है। सूत्रों के अनुसार, गठबंधन के लिए शिवसेना की नजरें 1995 मॉडल पर हैं। इसके लिए वह 288 सीटों वाली विधानसभा में लगभग 150 सीटें और लोकसभा चुनाव के लिए महाराष्ट्र की कुल 48 सीटों में से 25-26 सीटें मांगेगी। सूत्रों ने बताया शिवसेना के शीर्ष नेतृत्व ने भाजपा को संदेश भिजवाया है कि गठबंधन पर गंभीरता से बातचीत तभी शुरू की जाएगी, जब उसके लिए 1995 के मॉडल को आधार बनाया जाएगा।
1995 में पहली बार महाराष्ट्र में शिवसेना और भाजपा की सरकार बनी थी, जिसे नेतृत्व गठबंधन के मुख्यमंत्री मनोहर जोशी ने दिया था और शिवसेना गठबंधन की प्रमुख साझेदार थी। शिवसेना की तरफ से जो 1995 वाले मॉडल की बात हो रही है, उसमें उसकी डिमांड का पूरा पैकेज है। मॉडल के हिसाब से शिवसेना की पहली मांग यह होगी कि फडणवीस की सरकार भंग कर दी जाए और महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव लोकसभा चुनाव के साथ ही कराए जाएं। सेना की दूसरी मांग यह होगी कि अगर भाजपा उसके साथ गठबंधन करना चाहती है तो, उसे मुख्यमंत्री पद पर शिवसेना का दावा कबूल करना होगा। इसके लिए वह 288 सीटों वाली विधानसभा में लगभग 150 सीटें और लोकसभा चुनाव के लिए महाराष्ट्र की कुल 48 सीटों में से 25-26 सीटें मांगेगी।
शिवसेना के रुख को देखकर तो यही लगता है कि वह गठबंधन की बात पर आसानी से मानने वाली नहीं है। सोमवार को पार्टी के सीनियर लीडर संजय राउत ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के साथ एकजुटता दिखाने के लिए उनसे मुलाकात की। नायडू केंद्र सरकार के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत दिल्ली के दौरे पर हैं। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के अभियान को विपक्षी एकता के शक्ति प्रदर्शन का मंच में तब्दील कर दिया गया है।
इस बारे में शिवसेना के सीनियर लीडर संजय राउत ने कहा कि गठबंधन के लिए भाजपा को शिवसेना की अस्मिता और महाराष्ट्र में उसके बड़े भाई के दर्जे का सम्मान करना होगा। भाजपा के लीडर्स को पता है कि गठबंधन नहीं करने पर वे महाराष्ट्र में 10 से ज्यादा लोकसभा सीटें जीत नहीं पाएंगे। शनिवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री फडणवीस और पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख रावसाहेब दन्वे ने दावा किया था कि भाजपा महाराष्ट्र में अपने बूते लोकसभा की 43 सीटें जीत लेगी। इस दावे पर शिवसेना ने आश्चर्य जताया था।

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