मुंबई, हाल ही में केंद्र सरकार ने आर्थिक आधार पर मिलने वाले 10 फीसदी सवर्ण आरक्षण की घोषणा की है उसे महाराष्ट्र सरकार ने भी मंजूरी दे दी है. 10 फीसदी सवर्ण आरक्षण के बिल को महाराष्ट्र सरकार द्वारा मंत्रिमंडल के सामने रखा गया था. जिसे सभी ने सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया. उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार की नौकरियों में सामान्य वर्ग के गरीबों लिए 10 फीसदी आरक्षण 1 फरवरी से लागू हो गया है. वहीं अब राज्य भी इस दिशा में कदम उठा रहे हैं. बता दें कि केंद्र सरकार ने इसको लेकर पहले ही आदेश जारी कर दिया था. केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक संविधान (103वां संशोधन) अधिनियम के जरिये संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 में संशोधन किया गया है. इसके जरिये एक प्रावधान जोड़ा गया है, जो सरकार को ‘नागरिकों के आर्थिक रूप से कमजोर किसी तबके की तरक्की के लिए विशेष प्रावधान करने की अनुमति देता है.’ आरक्षण का लाभ उठाने के लिए आय प्रमाण पत्र दिखाना अनिवार्य हो सकता है. सरकार ने पहले ही साफ कर दिया है कि आरक्षण का लाभ उन्हीं को जिनकी सालाना आय आठ लाख रुपये से कम है. सवर्ण आरक्षण का लाभ उठाने के लिए जरूरी है कि आपके पास जाति प्रमाण पत्र हो. सवर्ण जाति के प्रतियोगियों को कभी भी जाति प्रमाण पत्र लगाने की जरूरत नहीं होती इसलिए ज्यादातर लोगों के पास जाति प्रमाण पत्र नहीं होता है.