देहरादून,भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से राम जन्मभूमि मंदिर पर अपना रुख स्पष्ट करने का कहा है। देहरादून में त्रिशक्ति सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कुम्भ महोत्सव चल रहा है और राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण की मांग उठना स्वाभाविक है।
जय श्रीराम के उद्घोष के बीच शाह ने कहा कि राम मंदिर का निर्माण शीघ्र होना चाहिए। बीएसपी की मुखिया मायावती और एसपी प्रमुख अखिलेश यादव पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा ‘ गठबंधन के लिए यूपी की भी चर्चा होती है, कभी एक-दूसरे का मुंह न देखने वाले, नमस्ते न करने वाले बुआ-भतीजे एक मंच पर आ गए। वो एक हो गए इसी बात से पता चलता है कि हम कितने ताकतवर हैं। हमारे कारण ही इन लोगों को एक होना पड़ा।’
अमित शाह ने कहा ‘देश भर की ज्यादातर पार्टियों में पार्टी अध्यक्ष और प्रधानमंत्री वंशवाद की परंपरा के अनुसार तय होते हैं लेकिन भाजपा एक गरीब को देश का प्रधानमंत्री बनाती है। ये हमारी पार्टी की विशेषता है। नरेंद्र मोदी का एक बार फिर प्रधानमंत्री बनना देश के विकास और देश की सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी है। विपक्षी सिर्फ मोदी हटाओ की बात करते हैं। जितना नाम ये मोदी का लेते हैं, इतना अगर नारायण का नाम ले लें तो उनका कल्याण हो जाएगा।’
उन्होंने कहा कि भाजपा अपने कार्यकर्ताओं के आधार पर चुनाव जीतती है हमारा कार्यकर्ता मुश्किल से मुश्किल चुनाव को भी प्रचंड विजय में बदलने की ताकत रखता है
केंद्र सरकार के बजट की तारीफ करते हुए भाजपा अध्यक्ष ने कहा ‘कल जब पीयूष गोयल देश का बजट पेश कर रहे थे, तब जोश में बोलने वाले विपक्षियों के चेहरे की हवाइयां उड़ गईं। मोदी सरकार द्वारा पेश किए बजट में किसानों के लिए की गई घोषणा से 12 करोड़ किसानों को फायदा होने वाला है। देश की आजादी के बाद से पहली बार देश को सबसे बड़ा रक्षा बजट मोदी सरकार ने दिया है। 5 लाख तक की जिनकी वार्षिक आय है, उन सभी को टैक्स के दायरे बाहर कर दिया है। मध्यम वर्ग के लिए इससे बड़ी राहत नहीं हो सकती है।’
अमित शाह ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी जी ने कहा था कि मैं दिल्ली से 1 रुपया भेजता हूं तो गांवों में 15 पैसे पहुंचते है, हमने विभिन्न पेंशनों व योजनाओं की धनराशि को सीधे लोगों के खातों में डालने का काम किया है। उन्होंने कहा कि आजादी के 70 साल बाद भी गरीब अपना इलाज नहीं करा पाता था, मोदी आयुष्मान भारत योजना लाए, अब गरीबों के इलाज का 5 लाख रुपए तक का सारा खर्चा केंद्र सरकार उठाती है।