सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला, 19 साल बाद डांस बार फिर से होंगे गुलजार

मुंबई, 19 वर्ष बार फिर बार गुलजार हो पाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को मुंबई में डांस बार फिर से खोलने की अनुमति दे दी। कोर्ट में दिए गए हलफनामे के मुताबिक, महाराष्ट्र में डांस बार पर बैन 2005 में लगाया गया था। इसके बाद 1.5 लाख लोग बेरोजगार हो गए थे। इनमें से 70 हजार लड़कियां थीं। बेरोजगार होने के बाद बार डांसरों ने देश के दूसरे राज्यों की ओर रुख किया। राज्यों में पकड़े गए सेक्स रैकेट में मुंबई की बार डांसर शामिल रहती थीं। गुरुवार को कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार के 2016 के प्रावधान को कानूनी रूप से वैध करार दिया है, लेकिन डांस बार पर पूर्ण प्रतिबंध की शर्त हटा दी। सरकार ने 2005 से महाराष्ट्र सरकार ने डांस बार कोई लाइसेंस नहीं दिया है। अदालत ने स्कूल और पूजास्थल से एक किलोमीटर की दूरी में डांस बार के नियम को रद्द कर दिया। कोर्ट में इंडियन होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ने राज्य सरकार के नए एक्ट को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
कहां से आई बार सभ्यता
1980 में रायगढ़ जिले के खललपुर में पहले साइलेंट बार शुरू हुए थे। यहां काम करने वाली लड़कियों को वेटर सर्विस कहा जाता था। बाद में कुछ बार मालिकों ने अपने यहां ऑर्केंस्ट्रा और लड़कियां का डांस कराने लगे। मुंबई में सबसे पहले बेवॉच बार ने डांस बार कल्चर अपनाया। समय के साथ ये कल्चर कई बार में आ गया।
नए नियम
रात 11.30 बजे तक ही खुले रहेंगे
अनुबंध के आधार पर काम करेंगी महिलाएं
डांसरों को मासिक वेतन नहीं मिलेगा
अश्लील डांस नहीं होगा
पैसे उड़ाए नहीं जाएंगे, लेकिन टिप दे पाएंगे
बार के भीतर सीसीटीवी की बाध्यता नहीं रहेगी

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