MP के बजट सत्र में कांग्रेस सरकार पेश करेगी लेखानुदान,इंदौर, भोपाल में मेट्रो की जगह खंबों पर चलेगी मोनोरेल

भोपाल,मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार वचन पत्र में किये गए सभी वादे पूरे करने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही है। इसलिए प्रदेश का बजट सत्र 18 फरवरी से 21 फरवरी तक 4 दिन चलेगा। लोकसभा चुनाव से पहले होने वाले सत्र में बजट पेश नहीं किया जाएगा, इसकी जगह सरकार लेखानुदान पेश करेगी। इसमें आगामी कार्यों के लिए बजट आवंटन करेगी। लेखानुदान में रोजगार, किसान, आम आदमी, परिवहन और अन्य मदों के लिए बजट का आवंटन किया जायेगा।
वित्त मंत्री तरुण भनोट ने 20 जनवरी तक सभी विभागों को प्रमुखों से प्रस्ताव मंगाए हैं। 37 विभागों के प्रस्तावित बजट को वचनपत्र की प्राथमिकता के आधार पर तय किया जा रहा है। सरकार 1 अप्रैल से 30 जून 2019 तक के कार्यों के लिए ही बजट का आवंटन करेगी। गौरतलब है कि मई में केंद्र की नई सरकार चुनकर आ जाएगी। इसके बाद ही प्रदेश का पूर्ण बजट पेश किये जाने की संभावना है। संभव है कि कमलनाथ जुलाई में साल 2019 -20 बजट के सत्र बुलाएंगे। भाजपा सरकार ने भी 2014 में लोकसभा चुनाव के बाद ऐसा किया था। बजट आवंटन 2019-20 के बजट के अनुपात में तीन महीने के खर्च के बराबर किया जाएगा। कमलनाथ ने संकेत दिये हैं कि जनता पर कोई नया कर नहीं लगाया जायेगा। वहीं सोयाबीन और मक्का बेच चुके किसानों को 500-500 रुपये प्रति क्विंटल प्रोत्साहन राशि सीधे खाते में भेजी जाएगी। सरकार ने अनुपूरक में 1500 करोड़ रूपए का इंतजाम किया है। केंद्र से मिलने वाले पांच सौ करोड़ का उपयोग भी सरकार इसके लिए करेगी। प्रदेश में 20 अक्टूबर 2018 से 19 जनवरी 2019 के बीच मंडियों में जाकर अपना सोयाबीन और मक्का बेचने वाले किसानों को राज्य सरकार प्रति क्विंटल पांच सौ रूपए का भुगतान करेगी। मक्का के लिए किसान समृद्धि योजना के तहत यह लाभ दिया जाएगा और सोयाबीन में फ्लैट भावांतर के तहत यह राशि बांटी जाएगी।
कमलनाथ ने दिखाई दूर दृष्टि
भोपाल-इंदौर में मेट्रो की जगह, खंबे वाली मोनोरेल
मध्यप्रदेश में मेट्रोरेल नहीं चलेगी। मुख्यमंत्री कमलनाथ की सोच है कि इंदौर, भोपाल के लिए मेट्रो की जरूरत और व्यवहार्यता नहीं है। ऐसे में मेट्रो प्रोजेक्ट पर हजारों करोड़ की लागत किसी काम की नहीं है। इसलिए कम लागत और अधिक व्यवहार्यता वाली मोनो रेल चलाने की संभावानाओं ने जोर पकड़ लिया है। गौरतलब है कि मोनोरेल भी मेट्रो की तरह ही होती है, लेकिन यह खंबों पर चलाई जाती है। मेट्रो को 40 मीटर तक जगत की जरूरत होती है। सड़क यातायात भी इससे अप्रभावित रहता है। इसमें लागत के अलावा जगह की जरूरत भी कम होगी।
छिंदवाड़ा माडॅल से आएंगे उद्योगपति
मध्यप्रदेश का संसदीय क्षेत्र छिंदवाड़ा विकास का मॉडल है। ऐसे में इस बार होने जा रही इन्वेस्टर्स समिट भी छिंदवाड़ा पर आधारित होगी। कमलनाथ अब प्रदेश में उद्योगों का लाने का काम भी छिंदवाड़ा मॉडल पर करेंगे। उद्योगपितयों से अपने निजी संपर्कों और संबंधों के आधार पर कमलनाथ उद्योगपतियों से नए उद्योग लगवाएंगे। इसके लिए नई नीति तैयार की जा रही है। गौरतलब है कि 15 साल के भाजपा के कार्यकाल में निवेश के लिए लगातार ग्लोबल इंवेस्टर समिट हुईं, लेकिन कोई भी उद्योग स्थापित नहीं हो सका।
विपक्ष मुझे बजट न समझाए
मैंने कई बजट देखे, जीडीपी देखी हैं
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा- बजट प्रबंधन की चिंता न करें विरोधी दल, मुझे यह काम बेहतर आता है। भाजपा को बजट की चिंता करने की जरूरत नहीं है। जो लोग वक्तव्य दे रहे हैं, वे खुद नहीं जानते कि बजट क्या होता है। जीडीपी के बारे में मुझे न बताएं, मैने अपने राजनीतिक जीवन में बहुत जीडीपी देखी है, बजट का प्रबंधन का कैसे होगा यह मुझे बेहतर आता है।
सरकार के पास किसानों का पूरा रिकॉर्ड
फिर भी किसानों से छलावा कर रही सरकार
पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा उपाध्यक्ष शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट किया- सरकार के पास कर्ज माफी के अंतर्गत आने वाले सभी किसानों का रिकॉर्ड है। इधर-उधर की बात करने की बजाए सरकार को किसानों के बैंक खातों में सीधा कर्ज माफी की रकम डालनी चाहिए और प्रमाण पत्र जारी करना चाहिए। यह एक छलावा है और ज़्यादा चलने वाला नहीं है। अब कांग्रेस सरकार किसान कर्ज माफी के लिए फॉर्म भरवाना चाहती है, किसानों का क़ीमती समय बर्बाद करना चाहती है। इस नए नाटक से किसान को परेशान करना और इस पूरी प्रक्रिया को विलंबित कर लोकसभा चुनाव में इसका फ़ायदा उठाने की कोशिश करने के अलावा कोई तर्क नजऱ नहीं आ रहा है।

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