हम बदले की नहीं बल्कि बदलाव की बात कर रहे – भूपेश बघेल

रायपुर,छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज कहा कि हम बदले की नहीं बल्कि बदलाव की बात करते हैं। राज्य सरकार समाज के सभी वर्गों के जीवन में रंग भरने का काम करेगी। उन्होंने कहा कि नक्सल समस्या के निराकरण और शराब बंदी के मसले पर हमारी सरकार जनता को विश्वास में लेकर काम करेगी। मुख्यमंत्री भुपेश बघेल ने कहा कि, नक्सल समस्या को हल करने के लिए राज्य सरकार द्वारा पीड़ित पक्षों से बात की जाएगी, जिनमें वहां के ग्रामीण, स्थानीय बुद्धिजीवी और पत्रकार आदि शामिल रहेंगे।
बघेल विधानसभा में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के अभिभाषण पर सदन में हुई चर्चा का जवाब दे रहे थे। उन्होंने सदन में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, स्वर्गीय पंडित जवाहर लाल नेहरू, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद और डॉ. भीमराव अम्बेडकर सहित अनेक महान विभूतियों को विशेष रूप से याद किया। उन्होंने झीरम घाटी के नक्सल हमले में शहीद नंदकुमार पटेल, महेन्द्र कर्मा, विद्याचरण शुक्ल, उदय मुदलियार और योगेन्द्र शर्मा जैसे नेताओं को और बस्तर में नक्सल हिंसा में शहीद जवानों को भी भावुक होकर याद किया।
बघेल ने कहा, हम सब राज्यपाल के प्रति कृतज्ञ है, जिन्होंने हमारी सरकार की रीति-नीति और भावी दिशा को अपने अभिभाषण में व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा, हमारी सरकार सबके हितों की चिंता कर रही है। मुख्यमंत्री के उद्बोधन के बाद धन्यवाद प्रस्ताव ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। बघेल ने चर्चा का जवाब देते हुए कहा, शराब एक सामाजिक बुराई है, लेकिन उसे दूर करने के लिए सरकार के साथ-साथ समाज को भी आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि चाहे नक्सल नीति हो या शराब बंदी की नीति, हम जनता को विश्वास में लिए बिना कोई कदम नहीं उठाएंगे। जनता ने हमें पांच वर्ष के लिए जनादेश दिया है। जनता से किए गए सभी वायदों को हम पूरा करेंगे। हमारी सरकार के गठन को अभी केवल 20-25 दिन हुए हैं, लेकिन इतने कम दिनों में भी हमने प्रदेशवासियों से किए गए वायदों के अनुरूप कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं और उन पर अमल भी शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री ने इस सिलसिले में किसानों की कर्ज माफी का उल्लेख करते हुए कहा कि लगभग 16 लाख 50 हजार किसानों के 6100 करोड़ रूपए के ऋण माफ किए गए हैं। इतनी बड़ी संख्या में छत्तीसगढ़ में कभी किसानों का ऋण माफ नहीं किया गया था।
उन्होंने कहा, ऋण माफी से किसानों में काफी उत्साह देखा जा रहा है। यहां तक कि कुछ किसानों ने ऋण माफी की राशि उन्हें मिलने पर उस राशि से मुख्यमंत्री सहायता कोष के लिए अंशदान के रूप में मुझे चेक भी भेंट किए हैं। किसानों को धान पर प्रति क्विंटल 2500 रूपए कीमत देने के फैसले पर भी अमल किया जा रहा है। बघेल ने अपनी सरकार के विगत 20 दिनों में लिए गए फैसलों का उल्लेख करते हुए कहा कि तेन्दूपत्ता संग्राहकों का पारिश्रमिक 2500 रूपए से बढ़ाकर 4000 रूपए प्रति मानक बोरा कर दिया गया है। शराबबंदी लागू करने के लिए नई कमेटी बनाने का निर्णय भी लिया गया है। हमारी सरकार ने वनाधिकार मान्यता पत्रों के निरस्त हो चुके लगभग चार लाख आवेदनों की दोबारा जांच करने का भी निर्णय लिया है। जिला खनिज निधि (डीएमएफ) के कार्यों की फिर से समीक्षा की जाएगी। चिटफंड कंपनियों के अभिकर्ताओं के विरूद्ध दर्ज तीन सौ से ज्यादा प्रकरणों को वापस लेने का भी निर्णय लिया गया है। निवेशकों का पैसा भी वापस दिलाया जाएगा। खेतों के लिए पानी की समुचित व्यवस्था की जाएगी। पशुओं के लिए चारागाह विकसित किए जाएंगे। रबी फसलों को पानी दिया जाएगा। इससे लगभग एक लाख हेक्टेयर के रकबे में सिंचाई होगी। छोटे भू-खण्डों की रजिस्ट्री से रोक हटाने पर बड़ी संख्या में लोगों को राहत मिली है और अब तक 1244 भू-खण्डों की रजिस्ट्री हो चुकी है। बस्तर जिले के लोहाण्डीगुड़ा क्षेत्र में टाटा इस्पात संयंत्र के लिए लगभग 1700 किसानों की 1764 हेक्टेयर (करीब 4400 एकड़) अधिग्रहित भूमि उन्हें वापस करने का आदेश भी जारी कर दिया गया है। सहायक प्राध्यापकों के 1384 पदों की भर्ती के लिए भी निर्देश जारी कर दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा – हमने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने पर जोर दिया है। बघेल ने कहा, हमारी सरकार का लक्ष्य बहुत स्पष्ट है। उन्होंने इसे स्पष्ट करते हुए कहा – छत्तीसगढ़ के चार चिन्हारी – नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी, – गांव ला बचाना हे संगवारी। हम इसी दिशा में काम कर रहे हैं। बघेल ने कहा, शिक्षाकर्मियों, पंचायत कर्मियों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं सहित सबकी चिंता सरकार करेगी।

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