छोटे कारोबारियों को राहत खत्म हुई रजिस्ट्रेशन की टेंशन

नई दिल्ली,लोकसभा चुनाव से पहले गुरुवार को हुई जीएसटी काउंसिल की अहम बैठक छोटे कारोबारियों को बड़ी राहत मिली है। जीएसटी काउंसिल की बैठक में जीएसटी रजिस्ट्रेशन का दायरा बढ़ाने पर सहमति बन गई है। अब 40 लाख रुपए तक के सालाना टर्नओवर पर रजिस्ट्रेशन नहीं कराना होगा। बता दें कि इससे पहले पिछले हफ्ते जीएसटी पर मंत्रियों की एक समिति ने रजिस्ट्रेशन के लिए सालाना टर्नओवर की सीमा बढ़ाने पर सहमति जाहिर की थी। इसके बाद जीएसटी काउंसिल ने कंपोजिशन स्कीम की सीमा बढ़ाने को औपचारिक मंजूरी दे दी। कंपोजिशन स्कीम की सीमा 1.5 करोड़ रुपए करने को मंजूरी मिली, स्कीम पर बदलाव 1 अप्रैल 2019 से लागू होगा।
अब 40 लाख तक सालाना टर्नओवर पर रजिस्ट्रेशन नहीं कराना होगा। अभी 20 लाख रुपए तक बिजनेस वालों के लिए जीएसटी में रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी नहीं है। बता दें कि वित्तराज्य मंत्री शिवप्रताप शुक्ल की अध्यक्षता में पिछले हफ्ते हुई समिति की बैठक में इस मंजूरी मिल गई थी। वहीं सरकार ने गुड्स एंड सर्विस टैक्स के तहत एकीकृत कम्पोजिशन योजना का ऑप्शन चुनने वालो को भी बड़ी राहत दी है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, काउंसिल ने कम्पोजिशन स्कीम में शामिल टैक्स पेयर्स को अब तीन महीने में टैक्स रिटर्न फाइल करने की इज़ाजत दे दी है. वहीं, अब स्कीम का दायरा भी बढ़ाने की तैयारी है। काउंसिल की बैठक में कम्पोजिशन स्कीम की लिमिट बढ़कर 1.5 करोड़ रुपये हो सकती है। वहीं दिल्ली में जीएसटी काउंसिल की 32वीं बैठक जारी है। जीएसटी काउंसिलने कंपोजिशन स्कीम की सीमा बढ़ाने को औपचारिक मंजूरी दी।
सरकार ने छोटे कारोबारियों को राहत देने के लिए कंपोजिशन स्कीम शुरू की है। शुरुआती दौर में जीएसटी टैक्स सिस्टम की तमाम जटिलताओं से राहत देने के लिए सरकार ने छोटे कारोबारियों को कंपोजिशन स्कीम अपनाने का विकल्प दिया। 20 लाख रुपए से ज्यादा के टर्नओवर वाले लोगों के लिए जीएसटी रजिस्ट्रेशन तो अनिवार्य है लेकिन वो चाहें तो जीएसटी का झंझट कम कर सकते हैं। साल में 75 लाख तक का कारोबार करने वाले जीएसटी कंपोजिशन स्कीम का फायदा उठा सकते हैं। अपनी सुविधानुसार वे चाहें तो जीएसटी की नॉर्मल स्कीम के तहत काम करें, चाहें तो कंपोजिशन स्कीम के तहत। इसके तहत छोटे कारोबारियों को हर महीने रिटर्न फाइल नहीं करना होता है। इसके साथ ही, टैक्स का एक निश्चित रेट, एकमुश्त टैक्स भरना होता है। इसके अलावा रसीदों को अपलोड करना का झंझट भी नहीं है।

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