कमलनाथ ने तोड़ी परंपरा, तो शिवराज ने दलबल के साथ पहुंच कर गाया वंदे मातरम्

भोपाल, मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार आने के बाद वंदे मातरम् गायन को लेकर छिड़ा विवाद नए मोड़ पर पहुंच गया है। पिछले दिनों पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान किया था कि वह सभी भाजपा विधायकों के साथ वंदे मातरम् गाएंगे। अपने ऐलान के मुताबिक, सोमवार को शिवराज सिंह चौहान ने सभी भाजपा विधायकों के साथ पहुंच कर मंत्रालय पार्क में अन्य लोगों के साथ वंदे मातरम् गाया।
इस दौरान उनके साथ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह भी रहे। दरअसल, 1 जनवरी 2019 को नए साल के अवसर पर जब सरकारी दफ्तरों में वंदे मातरम् नहीं गाया गया तो भाजपा भड़क गई। शिवराज सिंह चौहान के शासनकाल के दौरान यहां पर हर पहली तारीख को वंदे मातरम् गाया जाता था। भाजपा सरकार के दौरान यह सामूहिक गान मंत्रालय परिसर में मंत्री की मौजूदगी अथवा मुख्य सचिव की उपस्थिति में होता था।
यहां पहुंच पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कांग्रेस सरकार ने वंदे मातरम पहले बंद ही कर दिया था, लेकिन जब इसका विरोध हुआ तो इसे नए स्वरूप में लागू करने की बात कही। चौहान ने कहा कि वंदे मातरम का कोई नया पुराना स्वरूप नहीं होता, वंदे मातरम सिर्फ वंदे मातरम है।
कांग्रेस की सरकार बनने के बाद जब यह परंपरा टूटी तो भाजपा ने कमलनाथ सरकार पर हमला बोल दिया। शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान किया कि अगर कांग्रेस को अगर राष्ट्र गीत के गायन में शर्म आती है, तो मुझे बता दें। हर महीने की पहली तारीख को वल्लभ भवन के प्रांगण में जनता के साथ वंदे मातरम् मैं गाऊंगा। इसके बाद ही कमलनाथ ने कहा था कि भोपाल में आकर्षक स्वरूप में पुलिस बैंड और आम लोगों की सहभागिता के साथ वंदेमातरम् गाया जाएगा।

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