मुंबई,भारत में करोड़पतियों की संख्या तीन लाख से अधिक हो जाने पर भी लक्जरी कारों की बिक्री में कोई इजाफा देखने को नहीं मिला। भारत में लक्जरी कारों की बिक्री 2018 में पिछले साल के मुकाबले सिर्फ 4-5 फीसदी की दर से बढ़ने की उम्मीद है। 2016 की तुलना में वर्ष 2017 में लक्जरी कार की बिक्री 17 फीसदी बढ़कर 39,039 यूनिट रही, जबकि 2018 में यह आंकड़ा केवल 4.48 फीसदी बढ़कर 40,788 यूनिट होने की उम्मीद है। लक्जरी कारों की बिक्री घटने का मुख्य कारण उच्च आयात शुल्क, खराब आर्थिक वातावरण और कमजोर शेयर बाजार का होना है जिस कारण इसी खरीददारी पर काफी असर पड़ा है। वर्ष 2016 में नोटबंदी के कारण बाजार में भारी गिरावट आई, जबकि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में डीजल कारों पर सुप्रीम कोर्ट के प्रतिबंध का भी बड़ा प्रभाव पड़ा था हालांकि, पिछले साल भारत हल्के वाणिज्यिक वाहनों के बाजार में शीर्ष पांच देशों में शामिल हुआ था। हालांकि 2018 में कारों की बिक्री में मंदी के बावजूद उद्योग का मानना है कि वर्ष 2019 उनके लिए बेहतर होगा। लग्जरी कारों की बिक्री भारत में कुल बिक्री का केवल 1.5 प्रतिशत है, जबकि चीन में 13 और अमेरिका में 13 प्रतिशत है। वित्त वर्ष 2018 के अंत तक, भारत में 3.4 लाख से अधिक करोड़पति हैं, जबकि लक्जरी कार बाजार ने वर्ष में 50,000 युनिट को पार नहीं किया है।