गांधी परिवार ने देश का मान बढ़ाया, पीएम कैसे कह सकते हैं इस परिवार ने देश को नुकसान पहुंचाया: पंवार

पुणे, कहते हैं कि राजनीति को कोई दोस्त और कोई दुश्मन नहीं होता हैं तो कभी दुश्मन होता हैं वहां कभी दोस्त भी हो सकता है। कुछ ऐसा ही हुआ हैं,एनसीपी प्रमुख शरद पवार और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के बीच। दरअसल कभी सोनिया गांधी के विदेशी मूल को मुद्दा बनाकर कांग्रेस छोड़ने वाले शरद पवार गांधी परिवार की सबसे बड़ी ढाल बनकर सामने आए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लगातार गांधी परिवार पर किए जा रहे हमलों का राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख और पूर्व केंद्रीयमंत्री शरद पवार ने करारा जवाब दिया है। पवार ने कहा कि गांधी परिवार ने देश के लिए काफी बलिदान दिया है,आज भी सोनिया गांधी और राहुल गांधी गरीबों के लिए काम कर रहे हैं। इसकारण प्रधानमंत्री कैसे कह सकते हैं कि एक परिवार ने देश को नुकसान पहुंचाया है।
सतारा में रैली को संबोधित करते हुए शरद पवार कहा कि रैलियों में दिए जाने वाले भाषण में एक ही बात कही जाती है कि एक परिवार ने देश को बड़ा नुकसान पहुंचाया है,कौन परिवार?’ शरद पवार ने कहा, जवाहरलाल नेहरू, जिन्होंने अपने जीवन का शुरुआत का वक्त ब्रिटिश जेलों में बिताया, आजादी की लड़ाई में योगदान दिया। देश आजाद होने के बाद लोकतंत्र को मजबूत किया, वो जवाहरलाल नेहरू देश का नुकसान कैसे कर सकते हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री पवार ने कहा कि इंदिरा गांधी जिन्होंने गरीबों के विकास के लिए सत्ता का उपयोग किया। उनकी हत्या हुई। उसके बावजूद उस परिवार ने कभी चिंता नही की। उसके बाद राजीव गांधी ने पूरे देश को आधुनिकता का विचार दिया।
पवार ने गांधी परिवार के बचाव में कहा कि दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ाई, उनकी भी हत्या हुई। इतना त्याग एक ही परिवार में, इंदिरा गांधी की हत्या, राजीव गांधी की हत्या के बाद आज भी देश की गरीब जनता के लिए सोनिया गांधी और राहुल गांधी काम कर रहे हैं तो उनका अभिमान होना चाहिए। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक ही बात कहते हैं कि एक परिवार ने देश का नुकसान किया।
बता दें कि अपने चुनावी भाषणों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई बार गांधी परिवार को निशाने पर लिया है। प्रधानमंत्री ने कई बार जिक्र किया है कि एक परिवार के कारण देश की गरीब जनता का विकास नहीं हो पाया है। पीएम मोदी अपनी रैलियों में गांधी परिवार के 48 साल के शासन और अपने 48 महीने के शासन की तुलना करने की बात अक्सर कहते हैं। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान भी नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी के बीच जुबानी जंग देखने को मिली थी।

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