ठाणे,क्राइम ब्रांच ने 21 साल पहले अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का करीबी रिश्तेदार और डी-कंपनी का गुर्गा मोहम्मद अहमद खान महादिक फरार हो गया था जो अब ठाणे पुलिस की गिरफ्त में आ गया. प्राप्त जानकारी के मुताबिक, महादिक 1997 में परोल पर बाहर आने के बाद मस्कत भाग गया था. कुछ ही महीने पहले वह मस्कत से लौटा था और मुंबई से सटे मुम्ब्रा स्थित कौसा इलाके में नाम बदलकर रह रहा था, जहां से पुलिस ने उसे धर दबोचा. महादिक दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर के ससुराल साकोरली गांव का रहने वाला है. उसकी दो बहनों की शादी हसीना पारकर के परिवार में हुई है. 1991 में हैदर नाम के शख्स की हत्या के मामले में उसे गिरफ्तार कर मुंबई के ऑर्थर रोड जेल में रखा गया था. वहां उसकी दोस्ती छोटा राजन के गुर्गों से हुई और इस तरह वह डी कंपनी में शामिल हो गया. 1991 का ये वो दौर था जब दाऊद इब्राहिम और छोटा राजन साथ काम करते थे. महादिक फिर हत्या और एक्सटॉर्शन की दर्जनों वारदात में भूमिका निभाते हुए देखते ही देखते डी कंपनी का अहम सदस्य बन गया. महादिक फिर 1997 में परोल पर बाहर आया और वहां से फरार हो गया. बताया जाता है कि वह एक बार फिर डी कंपनी के लिए काम करने लगा था. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, महादिक ने कर्नाटक में दाऊद इब्राहिम के गुर्गे जोसेफ़ की मदद से यूसुफ पठान के नाम पर फर्जी पासपोर्ट बनवाया और फिर बैंगलोर से ओमान के मस्कत भाग निकला और 18 सालों तक वहीं छिपा रहा. ठाणे क्राइम ब्रांच के मुताबिक, दाऊद का यह सिपहसालार आठ महीने पहले वापस लौटा और मुंबई से सटे मुम्ब्रा में नई पहचान के साथ रहने लगा. हालांकि क्राइम ब्रांच को इसकी भनक लग गई, जिसके बाद जाल बिछाकर उसे धर दबोचा गया. क्राइम ब्रांच अब उसे कस्टडी में लेकर यह जानने में जुटी है कि इतने सालों से वह मस्कत में क्या कर रहा था और क्या वह अब भी दाऊद के संपर्क में है? इसके अलावा पुलिस ये पता लगा रही है कि आख़िर इतने दिन फरार रहने के बाद वह किस मकसद से मुंबई लौटा.