भोपाल,भाजपा शासनकाल में करोडों रुपए खर्च कर हर साल आयोजित की जाने वाली वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट अब नहीं होगी। प्रदेश कांग्रेस द्वारा पूर्व में भी इस इन्वेस्टर्स समिट का विरोध किया जाता रहा है। प्रदेश में कांग्रेस सरकार आते ही अब 23 और 24 फरवरी को होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट रद्द कर दी गई है। विधानसभा चुनाव से पहले ही इस समिट के लिए रजिस्ट्रेशन व अन्य कार्य शुरू हो गए थे, लेकिन अब कांग्रेस की सरकार बनने के बाद समिट को रद्द कर दिया गया है। गौरतलब है कि विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस इन समिट का विरोध करती रही है। कमलनाथ भी गाहे-बगाहे ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट में होने वाले खर्च और निवेश प्रस्तावों के जमीन पर नहीं उतरने को लेकर सरकार को कटघरे में खड़ा करते रहे हैं। इसलिए अब उद्योग विभाग ने इस समिट को रद्द कर दिया है।
सूत्रों की माने तो कांग्रेस के चुनाव जीतने के बाद ही इस समिट को रद्द कर दिया गया था। शिवराज सरकार में 2007 से 2016 तक पांच इन्वेस्टर्स समिट हुई हैं। हर दूसरे साल यह समिट होती थी। इसमें तीन इंदौर में और एक-एक ग्वालियर व खजुराहो में हुई है। इन इन्वेस्टर्स समिट में देश के तमाम उद्योगपतियों को बुलाकर मप्र में निवेश के लाखों करोड़ स्र्पए के करार हुए लेकिन निवेश अपेक्षा के मुताबिक नहीं हो पाया। कमलनाथ ने चुनाव प्रचार के दौरान भी कहा था कि कांग्रेस की सरकार बनी तो इन्वेस्टर्स समिट पर रोक लगाई जाएगी। यहां बता दें कि कांग्रेस ने उद्योगों के लिए नई नीति लाने और उद्योगों के अनुकूल माहौल बनाने का वादा अपने वचन पत्र में किया था। अब देखना दिलचस्प होगा कि प्रदेश में उद्योगों को बढावा देने के लिए किस तरह के प्रयास नवनिर्वाचित सरकार द्वारा किए जाते हैं।