5 दिन में तीन आलू किसानों ने की आत्महत्या

लखनऊ, केंद्र और राज्य सरकारों के ऊपर किसानों की आय दोगुना करने का दबाव बना हुआ है। वहीं किसानों को उनकी उपज का सही दाम मिले इसको लेकर देश भर में आंदोलन प्रदर्शन चल रहे हैं। उसके बाद भी उत्तर प्रदेश की सरकार पूजा पाठ और हनुमान जी की जाति बताने पर लगी हुई है।
उत्तर प्रदेश मैं पिछले 5 दिनों में तीन आलू किसानों ने आत्महत्या कर अपनी जान दे दी है। कोल्ड स्टोरेज में रखा हुआ हजारों टन आलू सड़ने की कगार पर है। वही नया आलू हिमाचल और पंजाब से आना शुरू हो गया है। पुराना आलू किसी कीमत पर नहीं बिक रहा है। जिसके कारण उत्तर प्रदेश का किसान भारी कर्ज में डूब कर आत्महत्या करने विवश हो रहा है।
मुख्यमंत्री आदित्य योगीनाथ की प्राथमिकता में कहीं से भी किसान नहीं हैं। 8 दिसंबर को बैंक कर्ज और सूदखोरी से परेशान बांदा जिले के चटचटगन गांव निवासी बडूआ ने आत्महत्या कर ली 9 दिसंबर को गुरसहायगंज कोतवाली क्षेत्र के सियरमऊ गांव के सुभाष पाल और 12 दिसंबर को गुरसहायगंज के ही घासी पुरवा के निवासी बृजेश यादव ने आत्महत्या कर ली है।

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