भय्यूजी महाराज से जुड़े वकील से पांच करोड़ की फिरौती मांगने वाले गिरोह का पर्दाफाश

इंदौर, मध्य प्रदेश के इंदौर के चर्चित भय्यूजी हत्याकांड का अभी पूरा खुलासा नहीं हुआ है पर इससे जुड़े एक और सनसनीखेज मामला सामने आया है। भय्यूजी और उनकी पत्नी डॉ. आयुषी से जुड़े वकील से पांच करोड़ रुपये की फिरौती मांगने वाले गिरोह ने चौंकाने वाला राजफाश किया है। फिरौती का षड्यंत्र किसी बाहरी ने नहीं बल्कि भय्यूजी महाराज के पूर्व ड्राइवर ने रचा था। उसे शक था कि वकील के पास करोड़ों रुपये हैं। इस दौरान ड्राइवर ने भय्यू महाराज के विश्वसनीय सेवादार विनायक के बारे में जानकारी दी कि वह 12 करोड़ रुपये लेकर भागा है। मुंह बंद रखने के लिए उसने मुझे दो करोड़ रुपये देने का वादा भी किया था।
एमआईजी थाना पुलिस ने ओल्ड पलासिया निवासी निवेश उर्फ राजा बड़जात्या की शिकायत पर पांच करोड़ रुपये वसूली का केस दर्ज किया था। बुधवार रात पुलिस ने भय्यू महाराज के पूर्व ड्राइवर कैलाश पुत्र किशन पाटिल निवासी ग्राम चिसपुर महाराष्ट्र, अनुराग पुत्र देवेंद्र रोजिया निवासी स्कीम-54 इंदौर और सुमित पुत्र राजकुमार चौधरी निवासी बालाबाई बाजार ग्वालियर, हाल मुकाम स्कीम-54 को पकड़ा।
सुमित ने बताया कि अनुराग और कैलाश ने आइफोन और 20 लाख रुपये देने का लालच दिया था। उनके इशारे पर फर्जी नाम से सिम खरीदी थी। अनुराग ने स्वीकारा कि कैलाश ने बताया था कि राजा भय्यू महाराज की पत्नी डॉ. आयुषी का करीबी है। भय्यू महाराज की मौत के बाद डॉ. आयुषी की संपत्ति की देखरेख राजा भी करता है। उसके पास करोड़ों रुपये हैं।
अनुराग के अनुसार, सुमित और कैलाश उर्फ भाऊ कार में बैठे हुए थे। भाऊ ने वकील के नंबर दिए और मैंने फर्जी सिम से कॉल किया। वकील से पांच करोड़ रुपये की मांग की और बच्चों व पत्नी को अगवा करने की धमकी दी। पुलिस ने उक्त नंबर की जानकारी निकाली तो सिम ग्वालियर की निकली। उसके वेरीफिकेशन में सुमित के नंबर निकल आए। पुलिस ने सुमित और अनुराग को पकड़ा तो वकील के पास सूर्योदय आश्रम से जुड़े संदीप का कॉल आया। उस वक्त वकील थाने पर मौजूद थे। पुलिस ने दोनों की कॉल डिटेल निकाली तो भाजपा नेता सुरेश यादव के करीब 20 नंबर मिले। घटना के बाद से दोनों सुरेश से संपर्क में थे।
आरोपित कैलाश पाटिल ने पुलिस को बताया कि वह भय्यू महाराज की गाड़ी चलाता था। उसने बताया कि मैं उनके (भय्यूजी) कई राज जानता हूं। मुझे पता है कि विनायक के पास 12 करोड़ रुपये हैं। मैंने खुद बैग में भरकर महाराष्ट्र पहुंचाए थे। मुंह बंद रखने के लिए दो करोड़ का ऑफर दिया था। उसने 25 लाख रुपये भिजवाए थे, लेकिन कुछ लोगों को बंटवा दिए। इसके बाद विनायक ने कभी संपर्क नहीं किया। बताया जाता है कि कैलाश पाटिल महाराज की मौत के पहले के चार महीने तक उनकी गाड़ी चला रहा था। इसके बाद उनकी पत्नी डॉ. आयुषी की गाड़ी भी उसने करीब चार महीने चलाई। करीब दो महीने पहले आयुषी की शिकायत के बाद उसे निकाल दिया गया था। आयुषी को ट्रस्टी बनाने को नियमों के विरद्ध बताते हुए उसने रजिस्ट्रार पब्लिक ट्रस्ट से शिकायत भी की थी।

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