योगी ने जिन सीटों पर प्रचार किया उनमें केवल 34 फीसदी पर ही भाजपा को मिली जीत

नई दिल्ली, सन 2013 के बाद से राष्ट्रीय स्तर पर प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी अपनी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के निर्विवाद स्टार प्रचारक माने जाते रहे हैं। उनके अलावा अमित शाह से लेकर स्मृति ईरानी तक भाजपा के कई दूसरे नेताओं को भी स्टार प्रचारक का दर्जा मिला हुआ है। ये सभी राष्ट्रीय स्तर के नेता है। स्टार प्रचारकों की इस सूची में योगी ही एक अकेले व्यक्ति हैं, जो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं, लेकिन उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर स्टार प्रचारक का दर्जा हासिल है।
80 लोकसभा सीटों वाले राज्य में जब से योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनाया गया है, तब से ही उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर लगातार चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी सौंपी गई। उनसे गुजरात, त्रिपुरा और कनार्टक में हाल ही में हुए चुनाव में खूब चुनाव प्रचार कराया गया। हाल में हुए पांच राज्यों के चुनाव में भी उन्होंने खूब चुनाव प्रचार किया। हालांकि, उनके स्टार प्रचारक बनने के बाद पार्टी के प्रदर्शन में गिरावट दर्ज की गई है। गुजरात से लेकर कर्नाटक तक और अब हुए पांच राज्यों के चुनाव के नतीजों से साफ हो गया है कि जहां-जहां उन्होंने जनसभाएं की हैं, वहां-वहां पार्टी प्रत्याशी बहुत अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं।
हाल ही में संपन्न पांच राज्यों के चुनाव में योगी आदित्यनाथ ने वसुंधरा राजे के समर्थन में राजस्थान में 26 जनसभाएं की थीं, लेकिन भाजपा को इनमें से केवल 7 सीटों पर ही जीत मिल पाई। रमन सिंह के छत्तीसगढ़ में योगी ने 23 रैलियां की थीं लेकिन यहां भाजपा को केवल छह सीटों पर जीत मिली। हालांकि, मामा के नाम से मशहूर मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहन के यहां योगी ने जिन 17 सीटों पर रैली की थी, उनमें से पार्टी को 11 पर भाजपा प्रत्याशियों को जीत मिली है।
इसका हिसाब-किताब बिठाएं तो पता चलता है कि योगी ने जिन 74 सीटों पर प्रचार किया था उनमें से पार्टी को 25 सीटों पर ही जीत मिली है। यानी उनकी संभावनों को सफलता में बदलने का औसत 34 फीसदी के करीब है। त्रिपुरा में जरूर उनके चुनाव प्रचार ने असर दिखाया था, जहां भारी बहुमत से भाजपा ने अपनी सरकार बनाई है।

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