उपेंद्र कुशवाहा का केंद्रीय मंत्रिमंड़ल से इस्तीफा

नई दिल्ली, बिहार में सीट बंटवारे को लेकर लंबे समय से नाराज चल रहे राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा देने के बाद कुशवाहा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना की। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार को विशेष पैकेज का वादा किया था, लेकिन वह नहीं मिला। कुशवाहा ने आरोप लगाया कि केंद्र की एनडीए सरकार से बिहार को जो उम्मीदें थीं, वे पूरी नहीं हुईं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना इस्तीफा भेजने के बाद आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कुशवाहा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार को विशेष पैकेज देने की घोषणा की थी, लेकिन कुछ नहीं मिला। बिहार आज भी वहीं खड़ा है, जहां पहले खड़ा था। राज्य में शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है। ऐसी खबरें हैं कि वह विपक्ष की बैठक में शामिल हो सकते हैं। बिहार में सीट बंटवारे पर कुशवाहा काफी समय से भाजपा से नाराज चल रहे थे। वह राज्य में ज्यादा सीटों पर दावेदारी कर रहे थे, लेकिन भाजपा ने उनकी मांग को तवज्जो नहीं दी थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाने पर लेते हुए कुशवाहा ने कहा बिहार के लोगों की पीएम मोदी से जो उम्मीद थी उसपर वह खड़ा नहीं उतर पाए। उन्होंने कहा कि ओबीसी वर्ग के लोग निराश हुए हैं। ओबीसी वर्ग आज अपने को ठगा हुआ महसूस कर रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने ओबीसी के कमजोर तबके के वर्गीकरण की बात कही थी, लेकिन उसे भी कमिटी बनाकर टाल दिया गया।
कुशवाहा ने इस्तीफे के बाद नीतीश पर भी जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा नीतीश कुमार के राज में बिहार में घोर अन्याय हुआ है। राज्य सरकार हर मोर्चे पर असफल साबित हुई है। उन्होंने आरोप लगाया नीतीश कुमार और भाजपा ने उनकी पार्टी को बर्बाद करने की कोशिश की। उन्होंने कहा नीतीश का अजेंडा मुझे बर्बाद करने का था। मेरी पार्टी को नुकसान पहुंचाने का प्रयास इनकी तरफ से होता रहा। भाजपा ने भी हमें नुकसान पहुंचाने की कोशिश की।
यह थी इस्तीफे की वजह
कुशवाहा सीटों के बंटवारे के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात करना चाहते थे, लेकिन उन्‍हें समय नहीं दिया गया। कुशवाहा की पार्टी ने बुधवार को नरेंद्र मोदी सरकार और बिहार में नीतीश कुमार सरकार की तीखी आलोचना की थी। इसके बाद आरएलएसपी के एक नेता ने कहा था एनडीए में आरएलएसपी के होने का अर्थ भाजपा और एलजेपी से गठबंधन था। नीतीश कुमार की जेडीयू के साथ हमारा कोई गठबंधन नहीं है। वह पिछले साल गठबंधन में शामिल हुए हैं जबकि हम 2014 से ही एनडीए का हिस्सा हैं।
बिहार का जातिगत गणित
बिहार में यादवों को आरजेडी का मुख्य समर्थक माना जाता है। राज्य में यादवों की आबादी करीब 15 फीसदी है। इसके साथ ही, आरजेडी को मुसलमानों का भी भरपूर समर्थन मिलता है। बिहार में मुस्लिमों की आबादी भी 15 फीसदी से ज्यादा है। कुशवाहा कोइरी समाज से आते हैं और बिहार की आबादी में कोइरी आबादी 3 फीसदी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *