बीएसपी प्रबंधन को झटका, GM और अधिशसाी निदेशक के खिलाफ चलेगा मुकदमा

भिलाई,भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन को लगातार दूसरे दिन बड़ा झटका लगा है। औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा विभाग ने 9 अक्टूबर को हुए कोक ओवन गैस हादसे के लिए अधिशासी निदेशक संकार्य पीके दाश और कोक ओवन के महाप्रबंधक जीएस वेंकट सुब्रमण्यम को दोषी करार देते हुए दोनों के खिलाफ कारखाना अधिनियम के प्रावधानों के तहत श्रम न्यायालय दुर्ग में प्रकरण दर्ज करा दिया है। अब संयंत्र के दोनों अफसरों के खिलाफ न्यायालय में मुकदमा चलेगा। एक दिन पहले ही शुक्रवार को पुलिस ने सुब्रमण्यम को गिरफ्तार की मुचलके पर रिहा किया था। मामले में दाश की गिरफ्तारी अभी बाकी है। उप संचालक औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा केके द्विवेदी ने बताया कि हादसे के बाद ऊर्जा प्रबंधन विभाग, कोक ओवन और अग्रिशमन विभाग के 23 कर्मियों व अधिकारियों के बयान लिए गए। मौके का जायजा लेकर कार्य स्थल की परिस्थिति और इसके लिए बनाई गई कार्य योजना का भी परीक्षण किया। पड़ताल में यह बात सामने आई कि यह जानते हुए भी कि कोक ओवन गैस काफी ज्वलनशील है, कर्मियों की जान को खतरे में डालकर काम करवाया जा रहा था। इसके लिए सीधे तौर पर कारखाने का मुखिया अधिशासी निदेशक संकार्य और कोक ओवन विभाग के महाप्रबंधक जिम्मेदार हैं। दोनों अधिकारियों सहित संयंत्र के 4 अफसरों के खिलाफ थाना पुलिस ने भी अपराधिक प्रकरण दर्ज किया है। इस पर जिला एवं संत्र न्यायालय में अलग मुकदमा चलेगा। केके द्विवेद्वी, उप संचालक औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा ने बताया कि हादसे के बाद र्मैंने मौके का जायजा लेकर कार्य स्थल की परिस्थिति और इसके लिए बनाई गई कार्य योजना का परीक्षण किया। विभिन्न विभागों के कर्मियों व अधिकारियों के बयान लिए। इसके बाद कारखाना अधिनियम के तहत संयंत्र के अधिभोगी दाश और फैक्ट्री मैनेजर सुब्रमण्यम को जिम्मेदार मानते हुए पहले नोटिस भेजकर उनका पक्ष जिया। अब श्रम न्यायालय में केस पुटअप कर दिया है। गौरतलब है कि घटना के दिन 9 अक्टूबर को सुबह 10.30 बजे से 12 बजे मध्य डी ब्लैंकिंग की प्रक्रिया पूरी नहीं की गई। पाइप लाइन में मौजूद ज्वलनशील कोक ओवन गैस को यू सील में पानी भरकर पूरी तरह खाली करना थी। पाइप लाइन से गैस निकाले बगैर पाइप के फ्लेंज ज्वाइंट को खोलकर एमएस प्लेट को बाहर निकाला जा रहा था। सुरक्षा मानकों को ध्यान में न रखकर पूर्णत: असुरक्षित तरीके से ऐसा कार्य करने का निर्णय लिया गया। यह जानते हुए भी कि कोक ओवन गैस में 60 प्रतिशत हाईड्रोजन गैस की मात्रा होती है, जो अत्यधिक ज्वलनशील गैस है। जरा से घर्षण से त्वरित और भयावह आग लगने की पूर्ण आश्ंाका रहती है। फिर भी सुरक्षा को नजर अंदाज कर दिया गया। 12 मीटर ऊंचाई पर कर्मी बिलकुल फ्लेंज ज्वाइंट के बगल में खड़े होकर काम कर रहे थे, जहां रेस्क्यू की कोई गुंजाइश भी नहीं थी। फिर भी सुरक्षा को लेकर गंभीरता निीं दिखाई। द्विवेदी ने बतााया कि सिंटरिंग प्लांट-3 की मशीन-2 को कोक ओवन गैस आपूर्ति के लिए नई बिछी पाइप लाइन को चार्ज करने की योजना एक सप्ताह पहले बनाई गई। इसमें अधिशासी निदेशक संकार्य और कोक ओवन विभाग के महाप्रबंधक की सबसे अहम भूमिका थी। योजना के मुताबिक ही समय निर्धारित कर कर्मियों की अलग-अलग टीम बनाकर जिम्मेदारी बांटी गई। योजना में काम का जिक्र हैं, लेकिन कारखाना अधिनियम के तहत सुरक्षा मानकों को पूरी तरह नजदअंदाज कर दिया गया।
सात आरोपी अधिकारी गिरफ्तार किए गए, फिर मुचलके पर कर दिए रिहा
भिलाई इस्पात संयंत्र के स्टील मेल्टिंग शॉप-3 में 9 मई 2018 को हादसे में ठेका श्रमिक की मौत के मामले में पुलिस ने अब लगभग सात महीने बाद जिम्मेदार 7 अफसरों और ठेकदार की गिरफ्तारी की। हालांकि सभी को घंटेभर के भीतर ही निजी मुचलके पर छोड़ दिया गया। स्टील मेल्टिंग शॉप- 3 में 40 फीट ऊंचाई पर काम कर रहे ठेका श्रमिक जनक सिंह (38 वर्ष) की गिराने से मौत हो गई थी। मृत श्रमिक के परिजन की शिकायत पर भ_ी थाना पुलिस ने महीनेभर बाद जून में 9 लोगों के खिलाफ धारा 287, 304 ए, 34 के तहत नामजद अपराध दर्ज किया था। इनमें बीएसपी के प्रोजेक्ट मैनेजर डीजीएम आलोक राय, जोनल सेफ्टी अधिकारी विवेक गुप्ता, बीएसपी के परियोजना अभियंता रामदयाल टेंभरे, एचएससीएल के साइड इंचार्ज गोपबंधु दास, एचएससीएल के सेफ्टी ऑफिसर मनोहर राजम, ठेकेदार विनय कुमार सिंह, ठेका कंपनी के साइड इंचार्ज जी राजेंद्रन, ठेका कंपनी के सेफ्टी ऑफिसर संजू नायर व राजाराम गुप्ता शामिल थे। रामदयाल टेंभरे और मनोहर राजम को छोडक़र बाकी सातों की गिरफ्तारी की गई।
दो और हादसों के 20 की गिरफ्तारी नहीं
8 मई कोसिंटर प्लांट-3 में कन्वेयर बेल्ट में फंसने से ठेका श्रमिक कमल वर्मा (42 वर्ष) की मौत हो गई थी। इस मामले में थाना पुलिस ने एसपी-3 के एचओडी डीजीएम विजय रथ, डीजीएम ऑपरेशन जगिंद्र कुमार, डीजीएम मैकेनिकल मुजीब हुसैन, लुटोरी सिंह सेवरिया, गणेश राम ढीमर, चुन्नी लाल, कौशल देवांगन, ठेकेदार गुलाब पेठे के खिलाफ धारा 287 (कर्तव्य के प्रति लापरवाही या उदासीनता बर्तना) व 304 ए, 34 के तहत अपराध दर्ज किया है।
कपलिंग में दब गया था इंद्रजीत, 12 लोग हैं गुनहगार
9 व 10 मई की दरमियानी रात ट्रांसपोर्ट एंड डीजल विभाग में शंटिंग के दौरान कपलिंग में दबने से ठेका श्रमिक इंद्रजीत (22) की मौत हो गई थी। पुलिस ने टीएंडडी के डीजीएम मनोज प्रसाद, एजीएम ज्योति रंजन मोहंती, यार्ड मास्टर प्रदीप महाराणा, लोको क्रमांक-631 के चालक पीएल साहू, बी तिर्की, पोर्टर पंचूराम निषाद, एचएससीएल के परियोजना अभियंता रामदयाल टेम्भरे, सुरक्षा अधिकारी के हर्षवर्धन, एसके राय, ठेकेदार इसरार अहमद, आरके तिवारी और एसएस बागड़े कुल 12 लोगों के खिलाफ धारा 287, 304, 34 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है।

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