पाकिस्तान पहुंचे नवजोत, बोले नानक का संदेशवाहक बनकर आया हूं

चंडीगढ़,पंजाब के मंत्री और कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू मंगलवार को पाकिस्तान पहुंच गए हैं। यहां बुधवार को होने वाले करतारपुर साहिब गुरुद्वारा के लिए एक कॉरिडोर के शिलान्यास समारोह में शामिल हो रहे है। उन्होंने कहा कि वह यहां पर बाबा नानक का संदेशवाहक बनकर आया हूं और शांति का संदेश दूंगा। उन्होंने कहा, ‘मुझे किसी केंद्रीय मंत्री या नेता ने नहीं रोका है, क्योंकि यह धर्म का मामला है।’
सिद्धू ने कहा, हमें धर्म को राजनीति के चश्मे से नहीं देखना चाहिए इस दुनिया में कौन सा ऐसा जनक या नेता है जो भक्तों को धार्मिक स्थलों पर जाने से रोकता है। उन्होंने कहा, मैं सोणे यार दे शहर लाहौर आया हूं। मैं यार का शुक्रिया करने यहां आया हूं। उन्होंने कहा कि पंजाब पांच नदियों के तालमेल से बना है इसलिए पंजाब आपस में तालमेल बढ़ाएगा तो फिर हालात सुधारने का काम करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि उनके यहां आने से कांग्रेस को कोई नुकसान नहीं होगा। उन्होंने यह भी कहा कि यह पहल हमारे दिलों-दिमाग में बन चुकी सरहद को खत्म कर देगी। बता दें कि सोमवार को ही डेरा बाबा नानक-करतारपुर साहिब गलियारा का भारत की सरजमीं में उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू और पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने आधारशिला रखा था।
हालांकि, प्रदेश के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शिलान्यास समारोह में पाकिस्तान जाने से साफ इनकार करते हुए सिद्धू के पाक के कार्यक्रम में शामिल होने के फैसले उनके ‘सोचने का तरीका’ का बताया। इससे पहले सुषमा स्वराज भी अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम में व्यस्त रहने का हवाला देते हुए वहां जाने से इनकार कर चुकी हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री का आमंत्रण ठुकराते हुए पाकिस्तान जाने से इनकार करते हुए कहा कि पंजाब में आतंकी हमले लगातार जारी हैं। पाकिस्तान सेना द्वारा भारतीय सेना के जवानों को मारा जा रहा है, इसलिए वह पाकिस्तान के आमंत्रण पर वहां नहीं जाएंगे। सीएम ने कहा कि एक सैनिक होने के नाते, वह पाकिस्तान द्वारा भारत के सैनिकों को मारा जाना कभी बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं, इसलिए उन्होंने पड़ोसी देश नहीं जाने का फैसला लिया है। नवजोत सिंह सिद्धू ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के आमंत्रण का जवाब भेजा था। अपने इस पत्र में उन्होंने लिखा था, ‘करतारपुर कॉरिडोर शिलान्यास के इस ऐतिहासिक क्षण में मैं आपसे मिलना चाहता हूं। मैंने इस आयोजन में शामिल होने के लिए अपना आवेदन विदेश मंत्रालय को भेजा है।’

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