भोपाल, देश की पहली हाईस्पीड और मेक इन इंडिया के तहत बनाई गई टी-18 ट्रेन मध्यप्रदेश पहुंच गई। इसे ट्रायल के लिए दिल्ली से ग्वालियर लाया गया था। ग्वालियर में यह 18 मिनट खड़ी रही। जापान की बुलेट ट्रेन की तरह नजर आ रही यह ट्रेन मेक इन इंडिया के तहत भारत में ही बनाया गया है। चेन्नई की इंटीग्रल फैक्टरी में तैयार की गई यह ट्रेन शताब्दी एक्सप्रेस की जगह चलाई जाएगी, जो हबीबगंज से दिल्ली तक चलती है। इस ट्रेन को रेलवे पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी के जन्मदिन 25 दिसंबर से चालू किया जा सकता है। इसके साथ ही टी-18 ट्रेन का ट्रायल के लिए जल्द ही भोपाल आ सकती है। ग्वालियर से रवाना की गई ट्रेन को ट्रायल के लिए मुरादाबाद मंडल भेजी जाएगी।
200 किमी प्रति घंटा स्पीड
करीब 160 से 200 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चलने में सक्षम टी-18 ट्रेन गतिमान से भी तेज है। गतिमान की अधिकतम स्पीड 160 किमी प्रति घंटा है। टी-18 ट्रेन का पहला ट्रायल मुरादाबाद से सहारनपुर के बीच होगा। इसके लिए 100 किमी का ट्रैक चिह्नित कर लिया गया है। ट्रायल से पहले इस ट्रेन की जांच आधुनिक मशीनों से की जाएगी ताकि परीक्षण में पूरी तरह खरी उतरे।
यहां परखी जाएगी स्पीड
टी-18 का ट्रालय देश के अलग-अलग हिस्सों में इस ट्रेन का ट्रायल होगा, जिसे शताब्दी एक्सप्रेस की जगह रिप्लेस किया जाएगा। साथ ही इस ट्रेन की स्पीड को परखने के लिए दिल्ली से आगरा के बीच भी ट्रायल किया जाएगा।
आधे खर्च में स्वदेश में ही बनी
ट्रेन पूरी तरह से मेक इन इंडिया परियोजना का हिस्सा है। यह ट्रेन आईसीएफ (इंटीग्रल कोच फैक्ट्री), चेन्नई में बन रही है। रेलवे का दावा है कि टी-18 ट्रेन, आयात किए जा रहे ट्रेन की कीमतों के आधे खर्च में बन रहा है।
ऐसे होंगे कोच
-16 चेयरकार कोच
-14 नॉन एग्जीक्यूटिव कोच
– 78 लोग बैठ पाएंगे एग्जीक्यूटिव में
– 56 यात्री बैठ सकेंगे एग्जीक्यूटिव में