जोधपुर,बहुचर्चित भंवरी देवी अपहरण और हत्या मामले में अदालत ने केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के इस अनुरोध को खारिज कर दिया कि वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये अमेरिकी जांच एजेंसी (एफबीआई) की डीएनए विशेषज्ञ से पूछताछ की अनुमति दी जाए। संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) की डीएनए विशेषज्ञ एंबर बी कार ने जोधपुर के पास एक नहर से सीबीआई द्वारा बरामद जली हुई हड्डियों की जांच की थी। सीबीआई के अनुसार, आरोपियों ने भंवरी को जलाकर उसके शव को नहर में फेंक दिया था।
अभियोजन पक्ष के वकील ने कहा, ‘‘जली हुई हड्डियों को डीएनए जांच के लिए अमेरिका भेजा गया था। एफबीआई की फॉरेंसिक प्रयोगशाला में, कार ने डीएनए की जांच की थी और इनके मानव हड्डियां होने की पुष्टि की थी।’’ सीबीआई चाहती है कि कार से वीडियो कांफ्रेंस के जरिये पूछताछ की जाए क्योंकि वह तीन सम्मन जारी होने के बावजूद अदालत में पेश नहीं हुई। उधर, बचाव पक्ष महत्वपूर्ण गवाह के रूप में पूछताछ के लिए अदालत में उनकी उपस्थिति पर जोर दे रहा है। सीबीआई के अनुरोध का विरोध करते हुए बचाव पक्ष के वकील हेमंत नाहटा ने दलील दी कि न तो उच्च न्यायालय के नियम में और ना ही दंड प्रक्रिया संहिता में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये गवाह का बयान दर्ज करने का प्रावधान है। नाहटा ने कहा, ‘‘फौजदारी निचली अदालत के पास वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये गवाह से पूछताछ के संबंध में प्रक्रिया तय करने की शक्ति नहीं होती है।’’ सीबीआई की याचिका खारिज करते हुए अदालत ने कार को नया सम्मन भेजकर पूछताछ के लिए उसके सामने पेश होने को कहा।