छत्तीसगढ़ में पहले चरण की 18 सीटों पर 61 % वोट पड़े, नक्सली घटनाओं का मतदान पर नहीं पड़ा असर

रायपुर,छत्तीसगढ़ में आज पहले चरण के लिए 18 विधानसभा सीटों पर 61 % वोट डाले गए । शाम 6 बजे तक औसत मतदान प्रतिशत 60.49 प्रतिशत रहा। राजनांदगांव और जगदलपुर में मतदाताओं की भारी भीड़ के कारण निर्धारित समय के पश्चात भी वोट डाले गए। इस कारण अंतिम मतदान प्रतिशत जारी नहीं किया गया है। यह आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है। सुकमा जिले में 100 साल की एक वृद्धा ने वोट डाला वहीं गोरगुंडा मतदान केंद्र में 103 साल की वृद्धा को उसका पुत्र गोद में लेकर वोट डलवाने लेकर आया। चिंतागुफा में एक विकलांग युवक ने वोट डालने का साहस दिखाया। इसी के साथ आज 190 प्रत्याशियों भाग्य ईवीएम में बंद हो गया।
सुकमा में कुल 36 अस्थाई मतदान केंद्र में पेड़ों के नीचे या फिर स्थाई कैंपों में वोटिंग की गई । इधर दंतेवाड़ा जिले के कटेकल्याण थाना क्षेत्र के तुमकापाल मतदान केंद्र के निकट बारूदी सुरंग विस्फोट कर नक्सलियों ने दशहत फैलाने की कोशिश की गई । धमाके में कोई हताहत नहीं हुआ, इस बीच बीजापुर जिले के केशकुतुल मार्ग पर पुलिस ने एक किलो वजनी बारूदी सुरंग बरामद कर नक्सली मंसूबों को नाकाम कर दिया । सुकमा जिले के चिंतलनार थाना क्षेत्र के लखापाल में तालाब किनारे एक थैले से एक आईईडी और नक्सली वर्दी बरामद की गई।
राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुब्रत साहू ने बताया कि 18 विधानसभा क्षेत्रों में आज शांतिपूर्ण रूप से निर्वाचन संपन्न हुए। उन्होंने बताया की बीजापुर में 33.00 प्रतिशत, नारायणपुर में 39.80 प्रतिशत, कांकेर जिले में अंतागढ़ में 43.00 प्रतिशत, भानुप्रतापपुर में 57 प्रतिशत, कांकेर में 62 प्रतिशत, दंतेवाड़ा में 49.00 प्रतिशत, राजनांदगांव जिले में मोहला-मानपुरमें 67 प्रतिशत, कोंडागांव जिले में केशकाल में 63.51 प्रतिशत, कोंडागांव में 61.47 प्रतिशत तथा सुकमा जिले में कोंटा में 47.19 प्रतिशत मतदान हुए। दोपहर 3 बजे तक औसत मतदान प्रतिशत 52.00 रहा।
सुब्रत साहू ने बताया कि मतदान समय सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक बस्तर और राजनांदगांव में औसत मतदान 70.08 प्रतिशत रहा। इनमें बस्तर जिले में बस्तर में 70.00 प्रतिशत, जगदलपुर में 65.00 प्रतिशत, चित्रकोट में 71.00 प्रतिशत और राजनांदगांव जिले में खैरागढ़ में 70.14 प्रतिशत, डोंगरगढ़ में 71.00 प्रतिशत, राजनांदगांव में 70.50 प्रतिशत, डोंगरगांव में 71.00 प्रतिशत, खुज्जी में 72. 00 प्रतिशत रहा।
सुब्रत साहू ने बताया कि पिछले विधानसभा निर्वाचन में सेंदुगुडा में 5 वोट डाले गये थे, इस बार 315 वोट डाले गये और कोंटा विधानसभा के चिंतागुफा मतदान केन्द्र में 68 प्रतिशत मतदान हुआ जो कि धुर नक्सल क्षेत्रों में लोगों में मतदान के प्रति उत्साह रही। सुकमा जिले के पालमबुडा मतदान केन्द्र में पिछले 15 सालों के बाद इस निर्वाचन में पहली बार 44 मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया । इसी प्रकार दंतेवाड़ा के मूलर (10) और निलवाया (19) मतदान केन्द्रों में पहली बार मत पड़े, जो कि धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में लोकतंत्र के इस महापर्व के प्रति आस्था दिखी ।
इसी तरह सुकमा जिले की दोरनापाल मतदान केन्द्र में 100 वर्ष की महिला विश्वास और देवरपल्ली के गोरगुंडा मतदान केन्द्र में 103 वर्ष की महिला सोनी बाई ने बड़े उत्साह से अपने मताधिकार का प्रयोग किया। अमेरिका में कार्यरत सॉफ्टवेयर इंजीनियर सुप्रजा मूर्ति और उसकी बहन डॉ. विजय लक्ष्मी ने कांकेर जिले में आकर अपने मताधिकार का प्रयोग किया। आत्मसमर्पित नक्सली दंपत्ति मैनुराम और उसकी पत्नी राजवती ने नारायणपुर जिले में अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इसी तरह सुकमा के बंडा और दंतेवाड़ा के किस्टाराम में मतदाता नदी पार कर वोट डालने पहुंचे। 2013 में दंतेवाड़ा के कोडनार नदी घाट में वोट करने आए ग्रामीणों की नाव को नक्सलियों को डुबो दिया था, बावजूद इस बार दहशत में आए बगैर ग्रामीणों ने उस नदी को पार कर पोलिंग बूथ में पहुंचे और अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
उधर,भानुप्रतापपुर विधानसभा क्षेत्र के कोड़ेकुर्से थाना अंतर्गत करकापाल मोड़ के समीप पुलिस ने 5 और 10 किलो वजनी आईईडी बरामद की है, जो पुलिस को नुकसान पहुंचाने के लिए नक्सलियों की ओर से लगाई गई थीं। दोनों ही आईईडी को बम निरोधक दस्ते ने मौके पर ही निष्क्रिय कर दिया है।
आदनबेड़ा और संबलपुर में नहीं हुआ मतदान
केशकाल विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत बेड़मा आश्रित गांव आदनबेड़ा और भानुप्रतापपुर के संबलपुर में ईवीएम मशीन खराब होने के कारण मतदाताओं को निराश होना पड़ा और बिना वोट डाले ही लौटना पड़ा।
यहां 15 साल बाद हुआ मतदान
सुकमा जिले के भेज्जी, गोरखा, गच्चनपल्ली, बुरगुम, पोटाली, समेली, नीलावाया, किकिरपारा, अरनपुर, ककाड़ी, मड़ेपाल और पालामडग़ू गांव में जहां पिछले 15 साल से नक्सली दहशत के चलते शून्य मतदान होता था, वहां मतदाताओं ने जमकर मतदान किया।
दस साल बाद पहुंचे वोट देने
विगत दस सालों में ऐसा पहली बार हुआ जब लोकतंत्र के महापर्व में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने इंद्रावती पार के पाहुरनार, तुमड़ीगुड़ा, चेरपाल और कऊरागांव के ग्रामीण डोंगी से नदी पारकर मतदान केन्द्र तक वोट देने आए। इन चार गांवों में 4500 मतदाता हैं।103 साल की वृद्धा को उसका पुत्र गोद में लेकर वोट डलवाने लेकर आया।

इसीबीच नारायणपुर में आत्मसमर्पित नक्सली दम्पति ने मतदान किया। मैनूराम उर्फ मलोल उर्फ बण्डू सपत्नी राजबत्ती दुग्गा उर्फ एमेश्वरी दुग्गा निवासी उच्चाकोट ने विधानसभा क्षेत्र 84 नारायणपुर के मतदान केन्द्र 49 संगवारी में पहुंचे और दोनों ने मतदान किया। उनके साथ उनका नौनिहाल बच्चा भी था। राजबत्ती दुग्गा किसकोड़ो दलम (एलओएस) की कमाण्डर थी। वहीं पति मैनूराम भी इसी दल का मिलिशिया सदस्य रहा है। ये दम्पत्ति लगभग दो वर्ष तक दल के सक्रिय सदस्य रहे हैं। मैनूराम ने बताया कि उन्होंने सपत्नीक माह दिसम्बर 2014 में पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया था। वर्तमान में वह राजमिस्त्री का काम करता है और परिवार का भरण पोषण करता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *