गाजीपुर,उत्तर प्रदेश के गाजीपुर स्थित एक गांव में 50 से अधिक लोगों को दिखाई देना बंद हो गया। मरदह के पिपनार गांव के लोगों ने आंख ना खुलने और असहनीय दर्द की शिकायत की है। मामला सामने आते ही गांव एवं स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। मामले की जानकारी मिलते ही स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचते ही ग्रामीणों का इलाज शुरू कर दिया। कुछ लोगों को अस्पताल में भर्ती भी कराया गया है। डॉक्टरों ने बताया कि यह आंखों का एक संक्रमण है, जो कुछ समय में
हीं ठीक हो जाएगा।
दरअसल मां काली के पूजन उत्सव के दौरान गांव में राजभर बस्ती के पास बिरहा का आयोजन किया गया था। देर रात तक चले इस आयोजन में बिरहा सुनने के बाद सभी ग्रामीण घर लौट गए। शनिवार सुबह उठने पर कई लोगों की आंखें नहीं खुल रही थी। जिसके बाद देखते ही देखते यह शिकायत कई घरों से आने लगी। कहीं लोग दर्द से कराह रहे थे, तो कोई आंख की रोशनी चली जाने की आशंका से रो रहा था। घटना के बाद से ही गांव में दहशत का माहौल बना हुआ है। इस मामले में नेत्र चिकित्सक डॉक्टर छांगुर राम ने बताया जिस खेत में बिरहा का आयोजन किया गया था, उसे पानी से भरकर जोतकर समतल किया गया था। जिसके बाद गीली जमीन पर पुआल रखकर दरी बिछा दी गई थी। इसी वजह से ग्रामीणों को इंफेक्शन हो सकता है। डॉक्टर के अनुसार आयोजन स्थल पर लगी हैलोजन लाइटों के कारण भी उनकी आंखों में असर पड़ सकता है। डॉक्टर छांगुर राम के अनुसार आंखों का लाल होना, खुजली होना, पानी निकलना, दर्द होने के साथ ही आंखे ना खुलना लोगों के लिए चिंता का विषय बन चुकी है। उन्होंने बताया कि उपचार के बाद सभी की स्थिति सामान्य है एवं ग्रामीणों को दवा वितरण कर उचित सलाह दी जा रही हैं।