CBI vs CBI अस्थाना पेश नहीं कर पाए वर्मा के खिलाफ सबूत, वर्मा ने दिया हर सवाल का जवाब

नई दिल्ली,केंद्रीय जांच ब्यूरो के छुट्टी पर भेजे गए निदेशक आलोक वर्मा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय किये गए समय में अब जाँच पूरी होने को है, केंद्रीय सतर्कता आयुक्त केवी चौधरी की अध्यक्षता वाले पैनल के सामने अलोक वर्मा एक बार और पेश हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि वर्मा अपने खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर सीवीसी कार्यालय में पेश हुए, लेकिन उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं मिले हैं। मुख्य सतर्कता आयुक्त केवी चौधरी, सतर्कता आयुक्त शरद कुमार और सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जांच की निगरानी कर रहे जस्टिस (रिटायर्ड) एके पटनायक के पैनल में वर्मा का औपचारिक रूप से बयान दर्ज किया गया।
सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना भी सीवीसी के कार्यालय में शुक्रवार शाम 4:45 बजे पहुंचे और लगभग 10 मिनट तक वहां रहे, लेकिन किसी भी वरिष्ठ अधिकारी से मुलाकात नहीं की। क्योंकि उनका कोई निर्धारित अपॉइंटमेंट नहीं था। वर्मा ने सतर्कता कमिश्नर टीएम भसीन और शरद कुमार के पैनल के सामने अस्थाना द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को खारिज कर दिया था। अधिकारियों ने बताया कि इस मौके पर सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जस्टिस एके पटनायक भी मौजूद थे, क्योंकि शीर्ष अदालत ने उन्हें इस जांच की निगरानी करने का जिम्मा सौंपा है। उन्होंने बताया वर्मा शुक्रवार की सुबह सीवीसी दफ्तर पहुंचे और करीब एक घंटे तक वहां रहे। उन्होंने सीवीसी दफ्तर के बाहर इंतजार कर रहे पत्रकारों से बात नहीं की।
सुप्रीम कोर्ट ने 26 अक्टूबर को केंद्रीय सतर्कता आयोग से कहा था कि वह अस्थाना की ओर से वर्मा के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच दो हफ्ते के भीतर पूरी करे। यह समय-सीमा आगामी रविवार को पूरी हो रही है और सुप्रीम कोर्ट सोमवार को इस मामले की सुनवाई करेगा। सीबीआई में विवाद गहराने के बाद वर्मा और अस्थाना को केंद्र सरकार ने छुट्टी पर भेज दिया है। अधिकारियों ने बताया कि वर्मा के अलावा अस्थाना ने भी गुरुवार को चौधरी से मुलाकात की थी। अस्थाना ने गुरुवार को सतर्कता आयुक्त शरद कुमार से भी मुलाकात की थी और ऐसा समझा जाता है कि उन्होंने वर्मा के खिलाफ लगाए गए अपने आरोपों के समर्थन में दस्तावेजी सबूत सौंपे थे।
शुक्रवार को विशेष सीबीआई निदेशक एक बार फिर सीवीसी कार्यालय पहुंचे। एक अधिकारी ने नाम नहीं जाहिर किए जाने की शर्त पर बताया कि वह केंद्रीय सतर्कता आयुक्त चौधरी या किसी सतर्कता आयुक्त टी एम भसीन और शरद कुमार से नहीं मिल सके क्योंकि वे आयोग के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में शामिल थे।
आयोग ने हाल में अहम मामलों की छानबीन कर रहे कुछ सीबीआई अधिकारियों से पूछताछ की थी। इन अधिकारियों का नाम वर्मा के खिलाफ अस्थाना की शिकायत में सामने आया था। अधिकारियों ने बताया कि इंस्पेक्टर से लेकर पुलिस अधीक्षक रैंक तक के सीबीआई अधिकारियों को बुलाया गया और सीवीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी के समक्ष उनके बयान दर्ज कराए गए। इनमें वे अधिकारी शामिल थे जो मोइन कुरैशी रिश्वतखोरी मामले, पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद की कथित संलिप्तता वाले आईआरसीटीसी घोटाले और मवेशी तस्करी मामले सहित कई अन्य मामलों से जुड़े थे। सुप्रीम कोर्ट ने वर्मा के खिलाफ आरोपों की सीवीसी जांच सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस एके पटनायक की निगरानी में होगी और यह एक बार का ‘अपवाद’ होगा। वर्मा ने उन्हें छुट्टी पर भेजने के सरकार के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है।

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