कमल दल को छोड़ सरताज ने तिरंगा दुपट्टा ओढ़ा, बोले इतनी बड़ी पार्टी ने मुझे स्वीकारा शुक्रिया, MP में CONG सरकार बनना तय

भोपाल,भारतीय जनता पार्टी के विधायक एवं पूर्व मंत्री सरताज सिंह ने आज केसरिया दुपट्टा छोड़ते हुए कांग्रेस का तिरंगा दुपट्टा अपने गर्दन पर धारण कर लिया,58 सालों तक केसरिया ब्रिगेड का साथ देने के बाद अपने आप को अपमानित महसूस कर उन्होंने अपना घर छोड़ कर कांग्रेस का वरण किया।
सदस्यता ग्रहण करने के बाद उन्हें पार्टी का बी-फार्म भी प्रदाय किया गया। सरताज सिंह ने कहा कि प्रदेश में जो वातावरण दिखाई देता है, उससे लगता है कि यहां कांग्रेसकी ही सरकार बनेगी। इस अवसर पर सरताज सिंह ने कहा कि आप सभी को आश्चर्य हो रहा होगा कि लंबे समय तक भारतीय जनता पार्टी का काम करने वाला व्यक्ति अचानक कांग्रेसमें कैसे शामिल हो गया। उन्होंने कहा कि मैंने राजनीति किसी पद के लिये नहीं की। मैं राजनीतिक सत्ता की ताकत का उपयोग जनता और मध्यप्रदेश के विकास के लिये करता हूं। लोगों की समस्यायें कैसे हल हों और मध्यप्रदेश प्रगति के रास्ते पर जाये।
सरताज सिंह ने कहा कि मुझे भाजपा ने घर बैठाने का मन बना लिया था, जिसका कि कोई आधार नहीं है। मैं पिछले 58 साल से जनता के बीच में काम कर रहा हूं और मुझसे अपेक्षा की जा रही है कि मैं घर बैठ जाऊं। इससे जो स्थिति बन गई थी उसे दूर करने के लिए मैंने यह कदम उठाया है। कांग्रेसपार्टी ने मुझे शामिल किया और मुझ पर विश्वास जताकर होशंगाबाद से प्रत्याशी भी बनाया, जिसके लिये मैं कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, सुरेश पचौरी और ज्योतिरादित्य सिंधिया का आभार व्यक्त करता हूं। मुझे खुशी है कि इतनी बड़ी पार्टी ने मुझे स्वीकार किया।
पत्रकारों द्वारा पूछे गये एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि शिवराजसिंह में कुछ गंभीर कमियां हैं, जिन्हें दूर करने की आवश्यकता है। किसानों को राहत देने के लिये तो कई निर्णय लिये, लेकिन उन तक राहत नहीं पहुंची। किसानों में असंतोष है और वे आत्महत्या कर रहे हैं। रोजगार नहीं मिलने के कारण नौजवान निराश हैं। इन सब बातों से जनता आक्रोशित है और इस कारण मध्यप्रदेश में बदलाव आयेगा।
एक अन्य प्रश्न के जबाव में उन्होंने कहा कि मेरे मन में भी भाव आता है कि युवा आगे आयें, मेरा उनसे कोई विरोध नहीं है। अमित शाह कई बार कह चुके हैं कि सीनियर लोगों को टिकिट या कोई पद न दिये जाने का पार्टी में कोई नियम नहीं है। मेरा कहना है कि जब ऐसा कोई नियम नहीं है तो फिर मुझ पर लागू कैसे हुआ? मुझ जैसे सीनियर कार्यकर्ता के साथ ऐसा व्यवहार क्यों किया गया? कर्नाटक का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा ने वहां भी सीनियर व्यक्ति को मुख्यमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट किया था और कहा था कि ऐसा करना पार्टी की मजबूरी है। यदि इस तरह पक्षपात करके फैसला होगा तो वह अन्याय की श्रेणी में आयेगा। इस अवसर पर दिग्विजय सिंह, सुरेश पचैरी, चंद्रप्रभाष शेखर, राजीव सिंह, शोभा ओझा, भूपेन्द्र गुप्ता, जे.पी. धनोपिया, पी.सी. शर्मा, कैलाश मिश्रा, मोहम्मद सलीम सहित अन्य कांग्रेस पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

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