ओडिशा-छत्तीसगढ़ सीमा पर पुलिस – नक्सली भिड़ंत में ओडिशा पुलिस ने पांच नक्सली मार गिराए

मलकागिरी/सुकमा, छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले से सटे ओडिशा बॉर्डर पर देर रात पुलिस – नक्सल मुठभेड़ में पांच नक्सली मार गिराए गए हैं। मुठभेड़ उस समय हुई जब जवान सर्चिंग से लौट रहे थे,तभी नक्सलियों ने उन पर हमला कर दिया नतीजतन नक्सलियों को मुंह की कहानी पड़ी है।
ओडिसा के मलकागिरी के पुलिस अधीक्षक जगमोहन मीना ने बताया कि छत्तीसगढ़ में चुनाव को देखते हुए सीमा क्षेत्र पर पुलिस सर्च कर रही थी कि छत्तीसगढ़ राज्य के बॉर्डर से सटे जिला सुकमा के पास करीब 30 किलो मीटर की दूरी पर ओडिशा राज्य की सीमा लग जाती है। यहां गांव मलकानगिरी एक पूरा जंगल से घिरा हुआ इलाका है जिसमें जवान रोज की तरह सर्चिंग के लिए निकले थे। जवान सर्चिंग कर वापस आ ही रहे थे कि इतनें में घात लगाए नक्सलियों ने उन पर फायरिंग कर दी। अचानक हुई इस फायरिंग में जवान संभल नहीं पाए, जैसे तैसे अपना मोर्चा संभाला और नक्सलियों पर टूट पड़े, फिर नक्सलियों की गोली का जवाब जवानों ने भी ताबड़तोड़ फायरिंग से दिया। जिससे नक्सली जंगल की ओर भाग गए। मीना ने बताया कि मुठभेड़ खत्म होने के बाद घटनास्थल का जायजा लिया गया तो बहुत सारे खून के धब्बे मिले । इससे जवान ये अंदेशा लगा रहे हैं कि कई नक्सली मारे गए होंगे। और बहुत से नक्सली घायल भी होंगे। अभी भी मौके के आसपास इलाके की सर्चिंग जारी है। इसी बीच ओडिशा के अतिरिक्त महानिदेशक (ऑपरेशन) आर. पी. कोच ने कहा कि ओडिशा पुलिस और विशेष अभियान समूह (एसओजी) ने संयुक्त रूप से मुठभेड़ अभियान का नेतृत्व किया जिसमें एक महिला सहित पांच नक्सली मारे गए। उन्होंने बताया नक्सलियों के पास से गोला-बारूद बरामद हुआ है। जबकि मुठभेड़ रविवार रात कालीमेला के पापलुरु गांव के पास एक जंगली क्षेत्र में हुई। उन्होंने कहा कि तलाशी अभियान जारी रखने के बाद दो इंसास राइफल्स, एक हथगोला और एक एसएलआर समेत कई हथियार भी बरामद हुए हैं।उन्होंने आगे कहा, `हमने कड़ी निगरानी के लिए और पापलुरु में छिपे हुए सभी नक्सलियों का पता लगाने के लिए अतिरिक्त सीमा सुरक्षाबल और एसओजी कर्मियों को तैनात किया है। वहीं, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) आर.पी. शर्मा ने कहा, `मुझे लगता है कि यह ओडिशा पुलिस के वामपंथी चरमपंथियों के खिलाफ अब तक का सबसे बेहतरीन अभियान है जबकि हथियार और गोला-बारूद की एक बड़ी खेप बरामद हुई है, नक्सलियों का पता लगाने के लिए एक खोज अभियान अभी भी चल रहा है।

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