राफेल सौदे की दलाली की पहली किश्त में मिले 284 करोड़ -राहुल

नई दिल्ली, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल सौदे को लेकर आज कहा कि अगर कुछ छिपाने के लिए नहीं होता तो मोदी ने फ्रांस से लड़ाकू विमान खरीदने के निर्णय के बारे में अब तक जांच के आदेश दे दिए होते। उन्होंने अपने दावे के पक्ष में दो कारण बह गिनाये और कहा कि पहला, भष्ट्राचार और दूसरा, यह स्पष्ट होना कि किसने इस मामले में निर्णय लिया है। क्योंकि कोई भी यह नहीं कह सकता कि वायुसेना में किसी जनरल या किसी और ने यह फैसला किया।
राहुल शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय में एक प्रेस वार्ता को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अगर राफेल सौदे पर जांच शुरू हो गई तो,गारंटी के साथ मोदी बचने वाले नहीं हैं,।
राहुल ने इसे जोड़ते हुए मोदी पर सीबीआई प्रमुख आलोग वर्मा को हटाने का भी आरोप लगाया, क्योंकि वह सौदे से संबंधित दस्तावेजों को देख रहे थे। उन्होंने कहा यह सौदा अनिल अंबानी को 30,000 करोड़ रुपये देने के लिए नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था। राहुल ने कहा फ्रांस की कंपनी दसॉ ने निजी भारतीय कंपनी में 284 करोड़ रुपये निवेश किया। और कुछ पैसे को जमीन खरीदने के लिए खर्च किया गया। दसॉ के सीईओ एरिक ट्रेपियर ने हाल ही में कहा था कि अनिल अंबानी की कपंनी को सौदा देने का कारण यह है कि इसके पास हवाईअड्डे के समीप जमीन है। राहुल ने कुछ मीडिया रिपोर्ट्स का जिक्र किया और कहा कि दसॉ ने घाटे में चल रही अनिल अंबानी की कंपनी में हिस्सेदारी खरीदने के लिए 284 करोड़ रुपये निवेश किया है।
उन्होंने कहा, `सीईओ झूठ बोल रहे हैं। बड़ा प्रश्न यह है कि क्यों कोई कंपनी ऐसे कंपनी में 284 करोड़ रुपये निवेश करेगी, जिसकी पूंजी केवल आठ लाख रुपये की है और लगातार घाटे में चल रही है। पूरी तरह स्पष्ट है कि यह निवेश दसॉ द्वारा दी गई रिश्वत की पहली किश्त है। राहुल ने कहा,तो फिर क्यों दसॉ के सीईओ झूठ बोल रहे हैं, क्योंकि वह एक व्यक्ति को बचाने का प्रयास कर रहे हैं, उस व्यक्ति को जो देश चलाता है जिसका नाम नरेंद्र.मोदी है।

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