नई दिल्ली,कई शोधों में यह साबित हो चुका है कि गर्भवती महिला के खानपान ही नहीं, रहन-सहन और सेहत का असर गर्भ में पल रहे नवजात पर पड़ता है। एक नए शोध में विशेषज्ञों ने कहा है कि गर्भवती महिला के प्रतिरक्षा तंत्र से नवजात के मस्तिष्क का विकास प्रभावित होता है। यह शोध लॉस एंजिलिस स्थित चिल्ड्रेन्स हॉस्पिटल में किया गया। अध्ययन के दौरान विशेषज्ञों ने देखा कि गर्भावस्था के तीसरे और अंतिम तिमाही में मां के प्रतिरक्षा तंत्र से शिशु का मानसिक विकास प्रभावित होता है। विशेषज्ञों का कहना है कि गर्भावस्था के दौरान महिला के प्रतिरक्षा तंत्र से उसके बच्चे के मस्तिष्क की मानसिक बीमारियों से जूझने की दर प्रभावित होती है। बाद के जीवन में बच्चे किस तरह मानसिक अवस्थाओं ने निपटेंगे यह मां की सेहत पर निर्भर करता है। गर्भावस्था की अंतिम तिमाही में गर्भवती मां का संक्रमण, एलर्जी, तनाव या कोई अन्य बीमारी हो जाती है, जिससे उसका प्रतिरक्षा तंत्र सक्रिय हो जाता है उसका बच्चे पर सीधा असर होता है। जब शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र इनमें से किसी भी एक कारण की पहचान करता है तो दो प्रोटीन आईएल-6 और सीआरपी का शरीर में स्राव होने लगता है।