नक्सली वारदात के बाद धनबाद रेल मंडल में ट्रेनों का परिचालन शुरू

रांची,सोमवार की देर रात एक के बाद एक दो बम धमाकों ने झारखण्ड सहित पूरे धनबाद रेल मंडल को हिला कर रख दिया। नक्सलियों द्वारा किये गए इन बम धमाकों में ग्रैंड कोड लाइन की रेल ट्रैक बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। जिसके बाद घंटो रेल प्रशासन से लेकर रेल यात्रियों तक को परेशान होना पड़ा। वही गनीमत ये रही की इस विस्फोट ने किसी ट्रेन को अपनी चपेट में नहीं लिया।
नक्सलियों द्वारा पाकुड़ के पूर्व एसपी अमरजीत बलिहार की हत्या के दोषी दो माओवादियों को अदालत द्वारा फांसी की सजा दिए जाने के विरोध में 16-17 अक्टूबर को दो दिवसीय बिहार-झारखण्ड बंद का आह्वान किया गया। जो सोमवार की रात 12 बजे से लेकर बुधवार की देर रात तक प्रभावी रहेगा। वही पूर्व घोषित बंद के शुरू होने से कुछ घंटे पूर्व ही नक्सलियों ने सोमवार की देर रात धनबाद-गया रेलखंड अंतर्गत चौधरीबांध-चेंगरोहॉल्ट के बीच रेलवे ट्रैक को बम से उड़ा कर अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा दी। नक्सलियों द्वारा ट्रैक पर लगातार दो बार ब्लास्ट किया गया। पहली घटना जहां रात 10.45 पर हुई, तो वहीं दूसरा ब्लास्ट ठीक दो मिनट बाद 10.47 पर हुआ। बताया जा रहा है कि घटना को ठीक उस वक्त अंजाम दिया गया जब धनबाद से खुलकर फिरोजपुर जानेवाली 13307 आप लुधियाना एक्सप्रेस वहाँ से गुजरी। धमाके की आवाज मिलने के बाद तत्काल इसकी सूचना रेलवे कंट्रोल रूम को दी गई। जिसके बाद अप और डाउन में ट्रेनों का परिचालन तुरंत रोक दिया गया। जिसके बाद राहत दल और सुरक्षा कर्मी घटना स्थल पर रवाना किये गए। घंटो मसक्कत के बाद मंगलवार की अहले सुबह ट्रैक की मरम्मत के बाद इस रूट पर ट्रेनों का परिचालन पुनः बहाल किया जा सका। वही हम बता दे की नक्सलियों द्वारा अंजाम दिए गए इस वारदात की वजह से सोमवार रात लगभग 1 बजे धनबाद-पटना गंगादामोदर एक्सप्रेस को डायवर्ट कर दिया गया। गंगादामोदर एक्सप्रेस गोमो-गया के बजाय बराकर, चितरंजन होकर पटना के लिए रवाना हुई। वही हटिया से पटना जानेवाली ट्रेन को भी इसी रूट से भेजा गया। वही हावड़ा से इंदौर जा रही शिप्रा एक्सप्रेस को गोमो से चंद्रपुरा होकर सीआईसी सेक्शन से लाया गया। साथ ही नंदनकानन को वाया बरकाकाना, कालका मेल को वाया झाझा तथा झारखण्ड संपर्क क्रांति वाया बरकाकाना हो गई। वही नीलांचल खानूडीह में घंटो खड़ी रही। वही इस घटना की वजह से रेल यात्री घंटो परेशान रहे। गोमो में परेशान यात्रियों ने थोड़ा हंगामा भी किया। लेकिन रेल प्रशासन ने किसी तरह उन्हें समझा-बुझा कर शांत किया।

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