बिकवाली से बाजार में हाहाकार, 1000 अंक तक उतरा सेंसेक्स,निवेशकों के डूबे 4 लाख करोड़

मुंबई,अमेरिकी शेयर बाजारों में 8 माह की सबसे बड़ी गिरावट के बीच यूरोपीय और एशियाई बाजारों में रही कमजोरी के बीच जहां विदेशी निवेशकों द्वारा भारी धन निकासी की गई वहीं देशी संस्थागत निवेशकों द्वारा की गई बिकवाली से घरेलू बाजार में गिरावट का कोहराम मच गया और कारोबार के दौरान सेंसेक्स 1000 अंक तक टूटकर 6 माह के निचले स्तर तक आ गया। गुरुवार को बैंकिंग, मेटल, फार्मा, आईटी, रियल्टी, ऑटो, पावर, कैपिटल गुड्स और कंज्यूमर ड्युरेबल्स शेयरों में हुई भारी बिकवाली की बदौलत सेंसेक्स 760 अंक की कमजोरी के साथ 34,001 के स्तर पर बंद हुआ है। वहीं, निफ्टी 225 अंक गिरकर 10,235 के स्तर पर बंद हुआ है। गुरुवार को बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप में भी भारी गिरावट रही। बीएसई का मिडकैप 22 अंकों की गिरावट के साथ 13,703 पर बंद हुआ जबकि स्मॉलकैप 197 अंकों की गिरावट के साथ 13,800 पर बंद हुआ। .
एशियाई बाजारों से मिले नकारात्मक संकेतों के बीच घरेलू बाजार की शुरुआत भी गिरावट के साथ हुई। सेंसेक्स सुबह 697 अंकों की गिरावट के साथ 34,064 पर खुला। दिनभर के कारोबार में सेंसेक्स ने 34,325 के ऊपरी और 33,724 के निचले स्तर को छुआ। इसी तरह निफ्टी 290 अंकों की गिरावट के साथ 10,170 पर खुला। दिनभर के कारोबार में निफ्टी ने 10,336 के ऊपरी और 10,139 के निचले स्तर को छुआ।
5 ‎मिनिट में ‎‎निवेशकों के डूबे 4 लाख करोड़
कारोबार की शुरुआत में ही भारी गिरावट के चलते 5 ‎‎मिनिट के अंदर ‎निवेशकों के 4 लाख करोड़ रुपए डूब गए। अक्टूबर माह के महज 8 सत्रों में शेयर बाजार में 20 लाख करोड़ से ज्यादा का नुकसान ‎निवेशकों को उठाना पड़ा है। आंकड़ों के मुताबिक बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप (बाजार पूंजीकरण) 134.38 लाख करोड़ रुपये घट गया। बुधवार को इन कंपनियों का कुल मार्केट कैप 1 करोड़ 38 लाख 39 हजार 750 करोड़ रुपये था। मालूम हो कि 30 अगस्त को इन कंपनियों का मार्केट कैप 1 करोड़ 59 लाख 34 हजार 696 करोड़ के सर्वकालिक स्तर पर पहुंच गया था। .
रुपये की गिरावट रोकेगी सरकार
रुपए के अब तक सर्वकालीन स्तर तक गिर जाने और और बढ़ते व्यापार घाटे को कम करने के लिए सरकार कई बड़े कदम उठा सकती है। वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक सरकार रेमिटेंस सस्ता करने और कुछ देशों से रुपये में तेल खरीदने पर विचार कर रही है जिससे भारत में डॉलर भेजना सस्ता हो सकता है। अभी डॉलर भारत भेजने पर 5 फीसदी चार्ज लगता है। इसके अलावा सरकार ईरान और वेनेजुएला से रुपये में तेल खरीदने पर भी विचार कर रही।
रुपये में गिरावट रोकने के लिए सरकार कई देशों के साथ रुपये में ट्रेड पर विचार जारी है। सीएडी कम करने और जरूरत पड़ने पर सरकार फेमा नियमों में भी बदलाव भी कर सकती है।
आर्थिक जानकारों का कहना है कि अमेरिकी शेयर बाजार के 8 माह के निचले स्तर पर उतर जाने से दुनियाभर के बाजारों में बिकवाली का दौर रहा। विशेषज्ञों के मुताबिक अमेरिकी अर्थव्यवस्था अभी अच्छा प्रदर्शन कर रही है। इस वजह से वहां मुद्रास्फीति बढ़ रही है। बुधवार को अमेरिका के दस साल के बॉंड पर प्रतिफल 3.15 प्रतिशत के रहा। इसके चलते निवेशकों ने भारत जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाओं से पूंजी की निकासी करना शुरू किया है। घरेलू निवेशकों की बिकवाली और विदेशी निवेशकों की निकासी इस कदर हावी हुई कि कच्चे तेल की गिरावट और रुपये की तेजी भी इस कमजोरी को कम नहीं कर सकी।
गिरावट पर सरकार का बयान
बाजार में चल रही गिरावट सरकार का कहना है कि दूसरे बाजारों की तुलना में भारतीय बाजार स्थिर हैं। सरकार ने अपने बयान में कहा है कि यूएस की गिरावट का एशियाई बाजारों पर असर पड़ा है। सरकार ने स्पष्ट कहा कि महंगे क्रूड को लेकर ओएमसी पर सब्सिडी का और ज्यादा बोझ नहीं डाला जाएगा। सरकार ने कहा है कि 1 रुपये प्रति लीटर बोझ उठाने का फैसला एक बार के लिए ही था।

 

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